मुझे अनुमान नहीं था कि हम तीन कवि/कवयित्रियाँ देखते-देखते यह चौथा त्रयी काव्य-संकलन "काव्य-अनुष्ठान" प्रकाशित करवा देंगे।
इस काव्य-संकलन के नाम करण का श्रेय अंजू कालरा दासन "नलिनी" जी को जाता है। अंजू जी एक वरिष्ठ कवयित्री हैं जो ३८ वर्ष से काव्य-साधना कर रही हैं।