इस त्रयी काव्य-संकलन "काव्य-पारायण" में क्रमशः अंजू कालरा दासन "नलिनी", डॉ.विनय कुमार सिंघल "निश्छल" व डॉ.वीणा शंकर शर्मा "चित्रलेखा", तीन कवि/कवयित्रियाँ सम्मिलित हैं। यह इनका चौथा त्रयी काव्य-संकलन है।
तीनों की अपनी-अपनी सामग्री कई दिनों से तैयार थी। हुआ यह कि एक लघु खंड-काव्य "राम का अंतर्द्वंद्व" पहले से ही प्रकाशन के लिये भेजा जा चुका था। उसमें उक्त तीनों लेखक जी-जान से जुटे हुए थे और पीडीएफ में बार-बार संशोधन करने पड़ रहे थे। कल देर रात अन्तिम त्रुटिहीन पीडीएफ तैयार हुआ और उक्त खंड-काव्य की आगे की प्रक्रिया आज से आरम्भ हो गई।