हर किसी के जीवन मे अक्सर ऐसी चीज़े होती हैं जिनको वो पुरा नहीं कर पाते या तो फिर किस्मत पुरा नहीं होने देती, बस इन्हीं बातों से या तो हम डर जाते हैं या तो हम उसी चीज को लेकर अटक जाते हैं । मैंने भी कुछ ऐसा ही प्रस्तुत करने का प्रयतन किया हैं, की कैसे अगर हम कोई चीज़ या बात को छोड़ देते हैं तो किस्मत कैसा अंजाम पेश करती हैं । "कहानी जो कभी ना हुई शुरू ", इस एक वाक्य को पढ़कर की हमे पता चलता है की ये वो कहानी होगी जो अंत मे अधूरी होगी । यह कहानी एक पिता और उसकी बेटी की है । वो पिता जो पहले अपनी बेटी को नहीं चाहता और फिर वो बेटी अपनी मंज़िल पर खुद चलना ठानती हैं। और संजोग मिलकर ऐसा रूप लेते हैं की दोनो पिता और बेटी एक दूसरे के सामने आते हैं । संजोग तो मिलते हैं लेकिन किस्मत नहीं और अंत में कहानी अधूरी रहती हैं ।