कमली,
इसी नाम से सभी पुकारते थे, उस चुलबुली-सी लड़की को। बहुत कम लोग जानते थे, उसका असली नाम। उसके दोस्त, रिश्तेदार और यहाँ तक स्कूल में उसके शिक्षक, उसे कमली कहते थे। बड़ी सुंदर थी वह, लंबी, गोरा रंग और तीखे नाक-नक़्श। बचपन से बहुत तेज और शरारती थी। स्कूल में उसके ज़्यादातर दोस्त लड़के थे। उन सब में उसका सबसे करीबी दोस्त अतुल था।
खेलकूद के साथ-साथ कमली पढ़ाई में तेज थी। वह हर साल क्लास में अव्वल आती। बचपन में सिर से पिता का साया उठ जाने के बावजूद, कमली के लालन-पालन में उसकी माँ ने जितना बन पाया, उतना किया। वैसे घर की माली हालत ठीक नहीं थी।
घर में ट्यूशन कर उसने मेडिकल टेस्ट की कोचिंग ली। बारहवीं बोर्ड में राज्य में प्रथम स्थान पर रही और उसके बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उसे राज्य में दूसरा स्थान मिला। मेडिकल की पढ़ाई के पैसों के लिए वह कोचिंग क्लास में टीचर बनी। अपनी मेहनत की कमाई से छह वर्ष की पढ़ाई के बाद वह डॉक्टर बनी।
इसके बाद की कहानी, कमली की जिंदगी की कश्मकश, प्यार, पीड़ा, धोखा, अपनों के बिछड़ने की है। बचपन से जवानी तक विपरीत स्थिति में अपने बूते पर जिंदगी से लड़ाई लड़ने वाली लड़की की कहानी है........कमली।
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