खाली आवाज, कहने को सिर्फ दो शब्द है परन्तु जीवन का सार छिपा होता है इन में। कभी खुशी में शब्दों की कमी हो जाती है, तो कभी गम में, पर ऐसा तभी होता है जब इन खुशी और गम की तादाद काफी ज्यादा होती है।
यह पुस्तक जीवन के उन्हीं लम्हों के शब्दों को जोड़कर बनाई गयी है। यह किताब संग्रह है हमारे जीवनकाल के लगभग हर प्रकार के रस का, जिसकी रचना "प्रशांत गुर्जर" द्वारा की गयी है। उन्होंनें इस किताब के द्वारा पाठकों को जीवन के विभिन्न रस से अनुभूति कराने का एक अनूठा प्रयास किया है।