कवयित्री ममता झा 'मेधा' की पहली पुस्तक "मेधांश" की तरह ही पुस्तक "खयालों का गुलदस्ता" विभिन्न भावों से ओतप्रोत है। जहां एक तरफ इस पुस्तक में रिश्तों की समझ को सांझा किया है, वहीं दूसरी तरफ इनकी कविताएं हमें भारत के विभिन्न त्योहारों के बारे में बता रही है। कहीं भक्ति भाव है तो कहीं जिंदगी की धूप छांव हैं। यह किताब कविताओं के विभिन्न रसों से भरा हुआ है।