Share this book with your friends

Khusbudar muktak / खुश्बूदार मुक्तक

Author Name: Brindavan Ray 'saral' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

हिंदी साहित्य में मुक्तक भी प्रभाव शाली विधा है। मुक्तक का अर्थ ,,,अपने आप में पूर्ण होना है। इसमें एक छंद का दूसरे छंद से  संबंध  नहीं  होता। इसमें चार पंक्तियां जिसमें पहली, दूसरी और चौथी पंक्ति तुकांत होती हैं। एक पूरी कविता का सामर्थ एक  मुक्तक रखता है। मैंने अपने चुनिंदा मुक्तक इस पुस्तक में रखे हैं। जीवन के संदर्भ से जुड़े सभी विषयों पर। सामाजिक रिश्तों पर, पर्यावरण पर, देश के हालात पर, आदमी के मरते अहसास पर। महँगाई से जूझते इंसान पर और भी ‌बिषयों पर, सभी मुक्तक सहज सरल आम फेम भाषा में हैं जिन्हें समझने में किसी भी आदमी को‌ या महिला को कोई दिक्कत नहीं होगी।

Read More...

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book
Sorry we are currently not available in your region.

Also Available On

बृंंदावन राय 'सरल'

नाम : बृंदावन राय सरल


पिता का नाम : श्री बाल चंद राय


साहित्य सेवा : 45साल
विधा : गीत, ग़ज़ल, दोहा, हाइकू, समीक्षा कविता, लघुकथा।


वर्तमान पता -
94, पौददार कालोनी राय भवन,
सागर, मध्य प्रदेश
मोबाइल नंबर : 7869218525
जन्म तिथि : 3जून 1951
शिक्षा : सिविल इंजीनियर
व्यवसाय : रिटायर कर्मचारी

Read More...

Achievements

+9 more
View All