‘प्रशिक्षित व्यक्ति आवाज को भी संगीत का रूप दे सकता है। प्रशिक्षण अनिवार्य है।’ - प्रमोद बत्रा
आज हमारे पास सबकुछ है, सबकुछ मतलब सारी भौतिक विलासिता की चीजें-बढ़िया सजा हुआ घर, शानदार गाड़ी, मंहगा मोबाइल, लेटेस्ट लैपटाॅप, हवाई यात्रा की सुविधा, खाने के लिए मनचाहे पकवान....। हर व्यक्ति के पास सिर्फ एक चीज की कमी है और वह खुशहाली। हर किसी को खुशी की तलाश है। आज की तारीख में खुशी पाने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत है वरना उसकी तलाश में पूरी जिंदगी यूं ही निकल जाएगी।
यह पुस्तक आपको प्रशिक्षित करेगी, रास्ता दिखाएगी कि हर परिस्थिति में खुश कैसे रहा जा सकता है। इस पुस्तक को पढ़ें, अपनी जिंदगी को बेहतर बनाएं।
वे लोग जो अच्छी किताबें नहीं पढ़ते, वे उनसे कतई बेहतर नहीं हैं जो पढ़ नहीं सकते।