"ख्वाहिशें" नामक यह किताब प्रत्येक व्यक्ति की ख्वाहिशों को दर्शाती नज़र आ रही है। हर व्यक्ति की कुछ ख्वाहिशें होती है जिसे पूरा करना उसका सपना बन जाता है। "ख्वाहिशें" कुछ पूरी हो जाती हैं तो कुछ अधूरी ही रह जाती है। इस किताब के सभी लेखकों ने अपनी ख्वाहिशों को कविता के माध्यम से आप सभी के समक्ष रखा है । आप इस किताब को पढ़ने पर महसूस करेंगे की अरे यही तो है मेरी 'ख्वाहिशें' जो मेरी आंखों में नज़र आती हैं।