अनेक काव्य-संकलन प्रकाशित होने के पश्चात् यह काव्य-संकलन एक विस्मय भरी चुनौती के रूप में निकाला जा रहा है। बड़ी आनन्द दायक अनुभूति हो रही है। संकलन का आरम्भ वन्दना अथवा प्रार्थना से करने का आदेश हुआ, अतः मैंने सरस्वती-वन्दना से संकलन के प्रारम्भ का मन बनाया।