जिंदगी चल रही थी, चल रही है और चलती रहेगी। समस्याएं कल भी थीं, आज भी हैं और कल भी रहेंगी। भावनात्मक कशमकश कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। जब तक ये कशमकश रहेगी विभिन्न स्रोतों से अमृत धाराएं फूटती रहेंगी। "मैं चांदनी ढूंढता हूं", रिश्तों के भावनात्मक पहलुओं, प्रेम, घृणा, आशा और निराशा से परिपूर्ण गजलनुमा हिंदी कविताओं का एक संकलन है, जिसमें समान भावों की प्रचुरता होने के बावजूद खूबसूरत मनकों से बनी एक विशेष माला अपने पास होने का पाठकों को सुखद एहसास होगा।