मुहम्मद अली जिन्ना का नाम सामने आते ही ऐसी हस्ती का चित्र आँखों से सामने तैर जाता है, जिसने हिन्दोस्तान के दो टुकड़े किये। हिन्दोस्तान के हिस्सों को काटकर पाकिस्तान बनाया। वे पाकिस्तान के प्रथम गर्वनर जनरल बने। पर किन परिस्थितियों में जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग उठायी, इस बात का कम लोगों को ही ज्ञान है। उन सभी स्थितियों का यह पुस्तक लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है।
पाकिस्तान का कायदे-आज़म बनने से पूर्व जिन्ना, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी नेताओं में से थे। यकायक ही उनकी सोच मुस्लिमों के अलग राष्ट्र बनाने के लिए उभरी; और अपनी इस राय पर अडिग रहकर उन्होंने देष का बंटवार करा लिया।
पुस्तक में जिन्ना के व्यक्तित्व के सभी पहलुओं को उजागर किया गया है।