अक्सर देखा गया है, सलाह एवं नेक सलाह पर किसी का ध्यान जल्दी से नहीं जाता.
जब भी सलाह एवं नेक सलाह किसी के भी समझ में आती है. तब तक समय निकल चुका होता है.
नेक सलाह सदैव जीवन सुधारती है.
नेक सलाह के कारण ही जीवन में बड़ी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं.
नेक सलाह जीवन का मार्गदर्शन होती है.
नेक सलाह जीवन का मार्गदर्शक बनती है.
नेक सलाह ही है, जो हमारे जीवन में हमारे व्यवहार में मधुरता लाती है.
जो हमारे व्यवहार में नम्रता लाती है.
जो हमारे व्यवहार में उचित और अनुचित के बीच में अंतर समझाती है.
वैसे आपने सुना ही होगा नेकी कर कुएं में डाल.
ठीक उसी तर्ज पर हम जानते हैं, समाज हमारे लिए कुछ नहीं करेगा.
बावजूद इसके हमारी नेक सलाह समाज, अडोस पड़ोस के लिए मार्गदर्शक बनी रहेगी हमारी आखरी सांस तक.
यह पुस्तक उनके लिए ही बनी है. जो अपना जीवन सुखमय बनाना चाहते हैं.
जो अपने जीवन में, जो अपने व्यवहार में मधुरता लाना चाहते हैं. जो अपने व्यवहार में विनम्रता लाना चाहते हैं.
जो नेक सलाह से सीख कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनना चाहते है.
नेक सलाह से भरी यह पुस्तक सिर्फ और सिर्फ आप ही के लिए बनी है.
नेक सलाह को अपनाते हुए आप भी ऐसे आगे बढ़ चलो. जैसे हम बढ़ चले हैं.
नेकी कर कुएं में डाल.
मान सिँह नेगी
मान सिँह नेगी, उम्र 52 वर्ष,स्नातक बी ए हिंदी आनर्स, उत्तम नगर नई दिल्ली-110059, उतराखंड का निवासी. दिल्ली मे हीं जन्म, पढ़ाई लिखाई, विवाह हरिद्वार उतराखंड से.
लिखने के शोक के कारण डाक्टर मान सिँह नेगी लिखता हू.
पत्नी का नाम पुष्पा नेगी
दो बच्चे
बड़ा बेटा सौरभ नेगी, प्रबंधक
छोटे बेटे गौरव नेगी ने बी.काम किया है
स्वर्गीय पिताजी नन्दन सिँह
माता जी लक्ष्मी देवी