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Niswarth Prem / निस्वार्थ प्रेम वृद्धा आश्रम से अनाथ आश्रम तक

Author Name: Ashish Kumar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

यह पुस्तक काव्यात्मक ढंग से वृद्धाश्रम से अनाथालय तक की यात्रा है। 

यह पुस्तक परिपक्व पाठक के लिए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की भी भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है। यह सभी व्यक्ति, समाज, लिंग, पंथ, राष्ट्र, धर्म के पक्ष में और विपक्ष में लिखा गया है। यह मेरे अपने स्वयं विचार हैं। आशा है इस पुस्तक को पढ़ कर आप मेरे दृष्टिकोण को समझने और सराहने की कोशिश करेंगे। यह मात्र सामाजिक यथार्थ को चित्रित का प्रयास है। पुस्तक का उद्देश्य शांति, अहिंसा, सहिष्णुता, दोस्ती, एकता, समृद्धि, खुशी और अखंडता को बढ़ावा देना है। यह पुस्तक मेरे माता-पिता को समर्पित है।

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आशीष कुमार

मैं आशीष कुमार हूँ। मुझे शैंकी के नाम से भी जाना जाता है। मेरा जन्म और पालन-पोषण रामगढ़, झारखंड में हुआ। मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में शिक्षा प्राप्त किया है। मैने जितनी ज़िन्दगी जी है। उससे तो इतना जान ही चुका हूँ कि जिंदगी जितना रुलाती है, मौत उतना ही तड़पाती है। सुना है किसी के पास कुछ ना हो तो हंसती है ये दुनिया। किसी के पास सब कुछ हो तो जलती है ये दुनिया। पर मेरे पास जो है उसके लिए तरसती है ये दुनिया। जो भी हूँ, जैसा भी हूँ। अपने प्यारे महादेव का हूँ। मैं क्या कहूँ, खुद से खुद के बारे में? धीरे-धीरे आप सब जान जाएंगे।

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