कोरोना काल के बाद जीवन में काफी परिवर्तन आये परन्तु एकमात्र प्रकृति ने बदलाव की चरम सीमाओं को महसूस किया, प्रकृति ने स्वयं को सहेजा, संवारा और निखारा। ये सब देख हमारे मन में विचार आया कि प्रकृति वास्तव में अपने गर्भ में अनूठी सुंदरता और रहस्य छुपाए हुए है और मानव दिनओदिन प्रकृति का ह्रास करने में अग्रसर है।
इसी विचार के साथ हमने एक संकलन का प्रारूप बनाकर प्रयास किया मानव को एक सही दिशा दिखाने का और प्रकृति को विनाश से बचाने का। यह पुस्तक हमारे और हमारे सभी लेखकों के उन्हीं प्रयासों का एक मीठा सा फल है, उम्मीद है आप अध्यन के दौरान इस रचना की गहनता समझकर हमारे प्रयासों की सराहना करेंगे।
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