इस पुस्तक में लेखिका ने अपने विचारों और भावनाओं को शब्दों का रूप दे कर कविता में पिरोया है। इस पुस्तक में प्रकृति पर हो रहे अत्याचार से संबंधित कई कविताएँ सम्मिलित हैं।
यह पुस्तक प्रकृति प्रेम, हास्य कविताओं, स्त्री के अस्तित्व, रिश्तों के महत्व, हमारी मातृभाषा के महत्व, जीवन में पिता के महत्व पर कविताओं का संकलन है।
कुछ हास्य कविताएँ जैसे शादी का लड्डू, दूल्हे का जूता के माध्यम से लेखिका ने पाठकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने की कोशिश की है।
आज प्रकृति के प्रकोप से अवगत हुए बिना हर मनुष्य किसी ना किसी रूप में प्रकृति पर अत्याचार कर रहा है। लेखिका ने इस पुस्तक में प्रकृति की हृदयस्पर्शी चीत्कार को कविता का रूप दे कर लोगों तक पहुँचाने की कोशिश की है।
आशा है यह पुस्तक पाठकों को निश्चित ही पसंद आएगी।