बाइबल की जो आयतें इस्लामी विश्वास के अनुसार मिलती-जुलती हैं उन्हीं को वह इस्लामी जगत के विद्वान कोट करके एकेश्वरवाद की बात बताते हैं। आज भी इस्लामी विद्वान बाइबल के बारे में कहते हैं कि अब उसमें मिलावट हो चुकी है क्योंकि उसमें कोई एकेश्वरवाद की शिक्षा नहीं रह गई है लेकिन अभी भी कुछ श्लोक बाइबिल के मौजूद हैं जो की एकेश्वरवाद की तरफ इशारा करते हैं। उन्ही वाक्यों को एकत्र करके इस पुस्तक में वह वाक्य दिए गए हैं जिसमें इस्लाम के विश्वास से मिलते जुलती आयतें हैं। लेकिन मैंने खुद पढ़ा व देखा है कि बहुत सी बाइबल की आयतों में आपस में ही मतभेद उत्पन्न करते हैं क्योंकि जो आयतें इस पुस्तक में कोट है वह शुद्ध एकेश्वरवाद की है लेकिन कुछ आयतें हैं जो की लगता है कि वह बाद में संकलन कर ली गई है।
आप खुद पढ़ कर अवलोकन करें, यदि और कोई शुद्ध आयतें एकेश्वरवाद की तरह तो कृपया बताएं
धन्यवाद
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