भारत एक धर्म प्रधान देश है। यहाँ बिभिन्न धर्मों के लोग अपनी बिभिन्न धर्म मर्यादायों को निभाते हुये अपना जीवन यापन करते हैं। लेकिन यह भी यहाँ की सच्चाई है की प्रायः सभी धर्मों में जातिवाद, संप्रदायवाद और उंच नीच की भावना गहरे तक समाई हुई है। इसमें हिन्दू धर्म में तो अस्प्र्श्यता के कारण एक बहुसंख्यक वर्ग को शोषित और अल्पसंख्यक वर्ग को शोषक बना दिया है। शोषित वर्ग के आर्थिक उन्नयन के सभी रास्ते बंद कर उनका सामाजिक बहिस्कार भी किया गया है।