यह पुस्तक परिपक्व पाठक के लिए लिखा गया है। इसका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं है। ना यह किसी व्यक्ति, समाज, लिंग, पंथ, राष्ट्र या धर्म के पक्ष में या विपक्ष में है। यह लेखक के अपने विचार हैं। आशा है इस पुस्तक को पढ़ कर आप लेखक के दृष्टिकोण को समझने और सराहने की कोशिश करेंगे। यह मात्र सामाजिक यथार्थ को चित्रित का प्रयास है। पुस्तक का उद्देश्य शांति, अहिंसा, सहिष्णुता, दोस्ती, एकता, समृद्धि, खुशी और अखंडता को बढ़ावा देना है।
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