लेखक और उनका परिवार सनातनी परंपराओं में गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने सनातन धर्म और भ्राता पर एक पुस्तक लिखने का सपना देखा था। आज, जब समाज में नकली आधुनिकता का अंधकार फैला हुआ है, यह पुस्तक एक प्रकाशस्तंभ की तरह उभरती है। लेखक का मानना है कि आज की नई पीढ़ी, विशेषकर सनातनी हिन्दू युवक और युवतियां, अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य उन्हें उनके मूल्यों और संस्कृति से पुनः जोड़ना है।
लेखक ने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों, उपनिषदों, वेदों और प्राचीन पुस्तकों से संदर्भ लिया है। इस पुस्तक में यह स्पष्ट किया गया है कि सनातन धर्म विश्व का पुरातन धर्म है, जो शाश्वत सत्य और कर्तव्य का पालन करने की प्रेरणा देता है। यह पुस्तक संक्षेप में सनातन धर्म और भ्राता के महत्व को दर्शाती है, जिससे पाठक इन विषयों की गहराई को समझ सकें। लेखक ने वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को सनातन धर्म के बारे में लाभप्रद जानकारी देने का प्रयास किया है, ताकि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें और अपनी संस्कृति पर गर्व महसूस करें।
पुस्तक को दो भागों में विभाजित किया गया है - पहला भाग सनातन धर्म पर केंद्रित है, जो इसके शाश्वत सत्य और कर्तव्यों को उजागर करता है, जबकि दूसरा भाई-भाई के रिश्ते पर केंद्रित है, जो इस रिश्ते की महत्ता और उसकी गहराई को समझाता है। यह पुस्तक न केवल धार्मिक ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि सामाजिक रिश्तों को भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे पाठक अपने परिवार और समाज के साथ बेहतर संबंध बना सकें।
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