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Satya shastra aur vishwashastra / सत्य शास्त्र और विश्वशास्त्र

Author Name: Lava Kush Singh "vishwmanav" | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

विषय- सूची

लेखक /शास्त्राकार
शास्त्र
कालजयी, जीवन और व्यर्थ साहित्य

भाग-1: शास्त्र
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक”का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
व्यष्टि और समष्टि धर्मशास्त्र
जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द
अन्य वक्तव्य
• बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर
• श्री यदुनाथ सिंह, पूर्व विधायक, चुनार क्षेत्र
• श्री ए.पी.जे, अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति, भारत 
• श्री अटल विहारी वाजपेयी (पूर्व प्रधानमंत्री, भारत)
• श्री लाल कृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय गृह मन्त्री, भारत
• श्री वी. एस. नायपाल (साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित) 
• श्री मुरली मनोहर जोशी, 
• श्री राम नाइक, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, भारत
• दलाईलामा, तिब्बति धर्म गुरू
• श्री प्रणव मुखर्जी, राष्ट्रपति, भारत
• श्री सैम पित्रोदा, पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय नवोन्मेष परिषद्
• श्री विल क्लिन्टन, राष्ट्रपति, संयुक्त राज्य अमेरिका 
• धार्मिक नेताओं के सहस्त्राब्दि विश्व शान्ति सम्मेलन का परिणाम 
• श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत

भाग-2 : सत्य शास्त्र
हरिवंश राय बच्चन – “मधुशाला”
स्वामी अड़गड़ानन्द – “यथार्थ गीता”
मनु शर्मा – “कृष्ण की आत्मकथा”
बिल गेट्स – “बिजनेस @ द स्पीड आफ थाट”
स्टीफेन हाकिंग – “समय का संक्षिप्त इतिहास”

भाग-3 : विश्वशास्त्र
लव कुश सिंह “विश्वमानव” 
विश्वशास्त्र की स्थापना
रचना क्यों?
आविष्कार किस प्रकार हुआ?
उपयोगिता क्या है? 
बाद का मनुष्य, समाज और शासन
कितना छोटा और कितना बड़ा? 
एक ही शास्त्र-साहित्य के विभिन्न नाम
विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
सम्बन्धित स्थान?
कल्कि महाअवतार से उत्पन्न नयी प्रणाली और व्यापार
 

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लव कुश सिंह “विश्वमानव”

कल्कि महाअवतार के रूप में स्वयं को प्रकट करते श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” द्वारा प्रकटीकृत ज्ञान-कर्मज्ञान न तो किसी के मार्गदर्शन से है और न ही शैक्षिक विषय के रूप में उनका विषय रहा है। न तो वे किसी पद पर कभी सेवारत रहे, न ही किसी राजनीतिक-धार्मिक संस्था के सदस्य रहे। एक नागरिक का अपने विश्व-राष्ट्र के प्रति कत्र्तव्य के वे सर्वोच्च उदाहरण हैं। साथ ही राष्ट्रीय बौद्धिक क्षमता के प्रतीक हैं।

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