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10 Years of Celebrating Indie Authors
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalLava Kush Singh “Vishwmanav” is a living legend of forward step of Swami Vivekananda and Final step of a complete Brahm i.e Kalki Mahaavtaar of God. He was born at (Begusarai) Bihar and is a resident of (Mirzapur) Uttar Pradesh, India. The whole discovery and discoverer are “One in All” and “All in One” at any dimension and real spiritualism with satisfaction of material science. The whole discovery is based on realization of human society by Universal Unified Truth Theory. This is an establishment part of thoughts of Swami Vivekanand delivered at the World Religion of ParliamRead More...
Lava Kush Singh “Vishwmanav” is a living legend of forward step of Swami Vivekananda and Final step of a complete Brahm i.e Kalki Mahaavtaar of God. He was born at (Begusarai) Bihar and is a resident of (Mirzapur) Uttar Pradesh, India.
The whole discovery and discoverer are “One in All” and “All in One” at any dimension and real spiritualism with satisfaction of material science. The whole discovery is based on realization of human society by Universal Unified Truth Theory. This is an establishment part of thoughts of Swami Vivekanand delivered at the World Religion of Parliament in 1893 at Chicago. This is not completed till date.
The author is an example of – “A civilian that present own duty for World Nation” and “A symbol of National Mind Power”. He is not only an author but also a philosopher, creator, planner, spiritual discoverer, organizer of knowledge based on scientific system etc. with worldwide establishment process according to present governing system. Based on discovery, India easily proved to be a “Master of world” in visible era for development of international cooperation, unity, peace, stability, managing real democracy, administrative, constitutions etc. because the world standard mind series can be only one.
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व्यापार का आधार
परियोजना – 1 (PROJECT-1) : सम्पूर्ण क्रांति
सम्पूर्ण क्रान्ति की अवधारणा में डिजिटलाइजेशन
वेबसाइट : परिचय और उपयोगिता
www.rashtriyanitiayog.com – “सामाज” क्षेत्र द्वारा भ
व्यापार का आधार
परियोजना – 1 (PROJECT-1) : सम्पूर्ण क्रांति
सम्पूर्ण क्रान्ति की अवधारणा में डिजिटलाइजेशन
वेबसाइट : परिचय और उपयोगिता
www.rashtriyanitiayog.com – “सामाज” क्षेत्र द्वारा भारत स्तरीय सम्पूर्ण क्रान्ति के लिए नेटवर्क
एक भारत - श्रेष्ठ भारत के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य
www.moralrenew.com – “सत्य मानक शिक्षा” द्वारा भारत स्तरीय सम्पूर्ण क्रान्ति के लिए नेटवर्क
मानक
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
सत्य मानक शिक्षा
“व्यापार” और “शिक्षा का व्यापार”
पिन कोड एरिया स्तर पर ”सृष्टि पुस्तकालय“
एक नागरिक - श्रेष्ठ नागरिक के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य
नेतृत्वकर्ताओं के सम्बन्धित विचार
www.leledirect.com – “व्यापार” क्षेत्र द्वारा भारत स्तरीय सम्पूर्ण क्रान्ति के लिए नेटवर्क
सार्वभौम आर्थिक प्रणाली (UNIVERSAL ECONOMIC SYSTEM)
3-एफ (3-F : Fuel-Fire-Fuel) विपणन प्रणाली
लोकल – वोकल (LOCAL - VOCAL) का अर्थ
ले ले डायरेक्ट - www.leledirect.com : परिचय और वैधानिक (LEGAL) स्थिति
प्रणाली (SYSTEM) की मुख्य विशेषताएँ
पिन कोड एरिया एजेन्सी (PIN CODE AREA AGENCY-PCAA)
आर्थिक लाभ
बेरोजगारों व एम. एल. एम नेटवर्करों को आमंत्रण
दान नहीं, व्यापार
सारांश - सीधी समझ
नेटवर्क से जुड़ने की प्रक्रिया
आय और रायल्टी देने का हमारा आधार
परियोजना – 2 (PROJECT-2)
पुनर्निर्माण-राष्ट्र निर्माण का व्यापार
राष्ट्र निर्माण का व्यापार और उसकी विधि क्या है?
पुननिर्माण पद
परियोजना – 3 (PROJECT-3)
एक शहर - प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की योजना
व्यक्ति, एक विचार और अरबों रूपये का व्यापार
विषय- सूची
भाग-1 : आर्थिक स्वतन्त्रता की यात्रा
गुलाम का अर्थ व दास प्रथा (पाश्चात्य)
गुलाम प्रथा-दुनिया की हाट में बिकते हैं इंसान
वैश्विक बौद्धिक विकास के साथ बदला गुला
विषय- सूची
भाग-1 : आर्थिक स्वतन्त्रता की यात्रा
गुलाम का अर्थ व दास प्रथा (पाश्चात्य)
गुलाम प्रथा-दुनिया की हाट में बिकते हैं इंसान
वैश्विक बौद्धिक विकास के साथ बदला गुलामी का स्वरूप
पारिश्रमिक का इतिहास और वेतन (सैलरी) का अर्थ
मजदूरी, वेतन, भत्ते और मानदेय, प्रोत्साहन, सौदागर, अभिकर्ता, विशेषाधिकार, दलाली का अर्थ
रायल्टी-अर्थ और प्रकार, ईश्वर और पुनर्जन्म
क्या आपको वस्तु खरीदने पर कम्पनी रायल्टी देती है जबकि कम्पनी आपके कारण हैं?
भाग-2 : बाजार (Market)
बाजार
पारम्परिक बाजार - अर्थ एवं प्रकार
आभासी बाजार - अर्थ एवं प्रकार
भाग-3 : विपणन प्रणाली (Marketing System)
विपणन प्रणाली (Marketing System)
पारम्परिक विपणन प्रणाली (Traditional Marketing System)
प्रत्यक्ष विपणन प्रणाली (Direct Marketing System)
मल्टी लेवेल मार्केटिंग (MLM) - एक परिचय, संचालक कौन? और आधार
नेटवर्कर-एक तेज आर्थिक गति का कार्यकर्ता परन्तु असम्मानित
भाग-4 : मानक विपणन प्रणाली
3-एफ (3-F : Fuel-Fire-Fuel) विपणन प्रणाली
भाग-5 : पुनर्निर्माण
पुनर्निर्माण-3-एफ विपणन प्रणाली से युक्त
पुनर्निर्माण-मल्टी लेवेल मार्केटिंग (MLM) नहीं हैं
हमारा व्यवसाय - डब्ल्यू.एस. (WS)-000 : ब्रह्माण्ड (सूक्ष्म एवं स्थूल) के प्रबन्ध और क्रियाकलाप का विश्वमानकके अनुसार
विश्व का मूल मन्त्र-“जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“
सफलता का पैमाना
सफलता का नाम विशेषज्ञता (Specialist) नहीं, बल्कि ज्ञता (Generalized) है।
पुनर्निर्माण (RENEW)-समस्या, समाधान और राष्ट्र निर्माण की योजना
भाग-6 : 2020 - मन का नवीनीकरण
नये समाज के निर्माण का आधार
सन् 2020 ई0
इस वर्ष की मुख्य विशेषता
विषय- सूची
ऋषि
वेद
उपनिषद्
ऋषि परम्परा
भाग-1 : व्यास
लेखक/शास्त्राकार
शास्त्र
व्यास
लेखकों/शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन
विषय- सूची
ऋषि
वेद
उपनिषद्
ऋषि परम्परा
भाग-1 : व्यास
लेखक/शास्त्राकार
शास्त्र
व्यास
लेखकों/शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
भाग-2 : महाभारत
अठ्ठाइसवें व्यास – कृष्ण द्वैपायन
महाभारत
गीता दर्शन
ऐतिहासिक एवं भाषाई प्रमाण
पुरातत्व प्रमाण (1900 ई0पू0 से पहले)
महाभारत कथा
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार “महाभारत”
भाग-3 : तीसरायुग : द्वापरयुग
आठवाँ अवतार : श्रीकृष्ण अवतार
भाग-4 : विश्वभारत
भारतीय शास्त्रों की एक वाक्य में शिक्षा
विश्वशास्त्र
विश्वशास्त्र की स्थापना
रचना क्यों?
आविष्कार किस प्रकार हुआ?
उपयोगिता क्या है?
बाद का मनुष्य, समाज और शासन
कितना छोटा और कितना बड़ा?
एक ही शास्त्र-साहित्य के विभिन्न नाम
विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
सम्बन्धित स्थान?
विश्वभारत
कर्म वेदान्त और -विकास दर्शन
कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचमवेद
भाग-5 : चौथा युग : कलियुग
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
अदृश्य काल में विश्वात्मा का प्रथम जन्म - योगेश्वर श्री कृष्ण
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का पहला भाग - स्वामी विवेकानन्द
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का अन्तिम भाग - भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
भाग-6 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2015 ई0 - सन् 2019 ई0
वर्ष 2020 ई0
वर्ष 2020 ई0 का एंतोनियो गुटेरेश (महासचिव, संयुक्त राष्ट्र) का सन्देश
विषय- सूची
भाग-1 : दर्शन और दार्शनिक
”दर्शन“ शब्द का अर्थ
हिन्दू दर्शन-परम्परा
दर्शनशास्त्र का क्षेत्र
भाग-2 : आस्तिक (ईश्वर कारण है अर्थात ईश्वर को मानना)
1. स्वतन
विषय- सूची
भाग-1 : दर्शन और दार्शनिक
”दर्शन“ शब्द का अर्थ
हिन्दू दर्शन-परम्परा
दर्शनशास्त्र का क्षेत्र
भाग-2 : आस्तिक (ईश्वर कारण है अर्थात ईश्वर को मानना)
1. स्वतन्त्र आधार
1. कपिल मुनि - सांख्य दर्शन
2. पतंजलि - योग दर्शन
3. महर्षि गौतम- न्याय दर्शन
4. कणाद- वैशेषिक दर्शन
2. वैदिक ग्रन्थों पर आधारित
अ. कर्मकाण्ड पर आधारित
1. जैमिनि- मीमांसा दर्शन
ब. ज्ञानकाण्ड अर्थात उपनिषद् पर आधारित
1. द्वैताद्वैत वेदांत दर्शन - श्रीमद् निम्बार्काचार्य
2. अद्वैत वेदांत दर्शन - आदि शंकराचार्य
3. विशिष्टाद्वैत वेदांत दर्शन - श्रीमद् रामानुजाचार्य
4. द्वैत वेदांत दर्शन - श्रीमद् माध्वाचार्य
5. शुद्धाद्वैत वेदांत दर्शन - श्रीमद् वल्लभाचार्य
भाग-3 : नास्तिक (ईश्वर कारण नहीं है अर्थात ईश्वर को न मानना)
1. चार्वाक- चार्वाक दर्शन
2. भगवान महावीर- जैन दर्शन
3. भगवान बुद्ध- बौद्ध दर्शन
भाग-4 : धर्म
धर्म का अर्थ, रिलिजन
परिभाषा, तत्व चिंतन और आवश्यकता
दर्शन, धर्मदर्शन, विज्ञान, नैतिकता
वस्तु तत्व एवं प्रतीक
धर्मसमभाव की अवधारणा और विश्वधर्म का आधार
भाग-5 : कर्म वेदान्त और विकास दर्शन
स्वामी विवेकानन्द की दृष्टि
कर्म वेदान्त और विकास दर्शन
एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य
विश्व का मूल मन्त्र- “जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“
भाग-6 : चौथा युग : कलियुग
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
वैश्विक बुद्ध - बुद्ध का भाग दो और अन्तिम
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
भाग-1 : चौथा युग : कलियुग
बुद्ध
भाग-2 : बुद्ध से वैश्विक बुद्ध तक
नि
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
भाग-1 : चौथा युग : कलियुग
बुद्ध
भाग-2 : बुद्ध से वैश्विक बुद्ध तक
निम्न विषयों की स्थिति
1. राज्य अर्थात् शासन की स्थिति
2. विज्ञान की स्थिति
3. धर्म की स्थिति
4. व्यापार की स्थिति
5. समाज की स्थिति
6. परिवार की स्थिति
7. व्यक्ति की स्थिति
निम्न विषयों का परिणाम
01. राज्य अर्थात् शासन का परिणाम
02. विज्ञान का परिणाम
03. धर्म का परिणाम
04. व्यापार का परिणाम
05. समाज का परिणाम
06. परिवार का परिणाम
07. व्यक्ति का परिणाम
स्थिति के विकास का परिणाम
विज्ञान का राज्य और धर्म पर प्रभाव
ब्रह्माण्डीय स्थिति और परिणाम
विश्व के समक्ष भारत की स्थिति और परिणाम
दृश्य पदार्थ विज्ञान और अदृश्य आध्यात्म विज्ञान-स्थिति एवं परिणाम
सार्वभौम एकीकरण-स्थिति एवं परिणाम
भाग-3 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2016 ई0
सन् 2017 ई0
सन् 2018 ई0
सन् 2019 ई0
सन् 2020 ई0
भाग-4 : वैश्विक बुद्ध - बुद्ध का भाग दो और अन्तिम
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
कर्म वेदान्त और विकास दर्शन
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
भाग-5 : विश्व शान्ति का अन्तिम मार्ग
भाग-6 : समष्टि धर्म दृष्टि
विश्वशास्त्र
विश्वशास्त्र : भूमिका
विश्वशास्त्र : शास्त्र-साहित्य समीक्षा
विश्वशास्त्र की स्थापना
विश्वशास्त्र की रचना क्यों?
विश्वशास्त्र के बाद का मनुष्य, समाज और शासन
एक ही विश्वशास्त्र साहित्य के विभिन्न नाम
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग - 01. व्यापार
व्यापार का अर्थ और उसका मूल आधार
लांचिग (Launching)], प्री-लांचिग (Pre-Launching) और प्री-आर्गनाइजेशन (Pre-Organisation)
व्यवसाय का लेख
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग - 01. व्यापार
व्यापार का अर्थ और उसका मूल आधार
लांचिग (Launching)], प्री-लांचिग (Pre-Launching) और प्री-आर्गनाइजेशन (Pre-Organisation)
व्यवसाय का लेखांकन (एकाउण्ट बुक किपिंग)-दोहरी प्रविष्टि प्रणाली
भाग-02. व्यवसाय संगठन
व्यवसाय की विशेषताएँ, उद्देश्य एवं उत्तरदायित्व
व्यवसाय आरंभ करने का विचार और योजना बनाना
व्यवसाय संगठनों के स्वरूप
व्यवसाय संगठन-सामान्य दिशानिर्देश एवं प्रबंधन
सामाजिक उत्तरदायित्व संगठन-समिति एवं ट्रस्ट
भाग-03. सर्वेक्षण (Survey)
आकड़ा (Data)
सर्वेक्षण (Survey) -अर्थ एवं प्रकार
आधुनिक जीवन में सर्वेक्षण का प्रयोग व उपयोगिता
जनमत से अलग सर्वेक्षण के आधार
भाग-04. विज्ञापन Advertisement)
विज्ञापन
विज्ञापन रचना-प्रक्रिया
दूरदर्शन (टी.वी)-विज्ञापन
ऑनलाइन विज्ञापन
विज्ञापन और व्यापार
भाग - 05. उत्पाद
उत्पाद-अर्थ एवं प्रकार
ईश्वर निर्मित उत्पाद
मानव निर्मित उत्पाद
शरीर आधारित मानव निर्मित उत्पाद
धन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
बैंकिग उत्पाद और उसका व्यापारिक गणित
शेयर, डिबेन्चर तथा म्यूचुल फण्ड और उसका व्यापारिक गणित
वायदा बाजार और उसका व्यापारिक गणित
सट्टा, पेपर एवं आॅन लाइन लाॅटरी और उसका व्यापारिक गणित
बाजी और उसका व्यापारिक गणित
मन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
मनोरंजन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
मशीन आधारित मानव निर्मित उत्पाद
एन्टीक एवं सुपर एन्टीक उत्पाद-अर्थ, प्रकार एवं पहचान
विचार, रचनात्मक विचार और लाभ की शक्ति
भाग-06. निवेशक
निवेश (Investment)
निवेशक (Investor)
निवेश के तरीके
रियल इस्टेट (प्रापर्टी) में निवेश
राष्ट्र निर्माण का हमारे द्वारा उच्च लाभ देने वाले प्रोजेक्ट और निवेश
श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ का यह मानसिक कार्य इस स्थिति तक योग्यता रखता है कि वैश्विक सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक एकीकरण सहित विश्व एकता-शान्ति-स्थिरता-विकास के लिए जो भ
श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ का यह मानसिक कार्य इस स्थिति तक योग्यता रखता है कि वैश्विक सामाजिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक एकीकरण सहित विश्व एकता-शान्ति-स्थिरता-विकास के लिए जो भी कार्य योजना हो उसे देश व संयुक्त राष्ट्र संघ अपने शासकीय कानून के अनुसार आसानी से प्राप्त कर सकता है।
प्रस्तुत पुस्तक ” सम्पूर्ण क्रान्ति-अन्तिम कार्य योजना“, विश्वशास्त्र के आविष्कारों का व्यावहारिक जीवन (व्यष्टि और समष्टि) में उपयोगिता का सारांश-अंश भाग है। चूँकि प्रस्तुत पुस्तक क्रियात्मक है अर्थात् भारत व विश्व के नेतृत्वकर्ताओं द्वारा व्यक्त विचार का शासनिक प्रणाली के अनुसार स्थापना की प्रक्रिया पर आधारित है इसलिए समाज व राज्य के विभिन्न स्तर के नेतृत्वकर्ताओं जैसे - समाजसेवी, लेखक, विचारक, धर्माचार्य, राजनीतिक नेतागण, विधायक, सांसद, शिक्षण क्षेत्र से जुड़े आचार्य इत्यादि सहित आम नागरिक को इस पुस्तक का अध्ययन अवश्य करना चाहिए जिससे उन्हें अपने आध्यात्मिक एवं दार्शनिक विरासत के सम्बन्ध में आधारभूत दृष्टि प्राप्त हो और ”एक भारत - श्रेष्ठ भारत“ तथा ”नया भारत (New India)“ के विचार को प्राप्त करने के इस अन्तिम मार्ग पर कार्यवाही प्रारम्भ हो सके।
सत्य रूप में इस पुस्तक में जो कुछ है उस पर यह कहा जा सकता है – “यही है भारत” और “यह ही है राष्ट्रवाद की मुख्यधारा” और “यह ही है विकास की मुख्यधारा”
”विश्वशास्त्र“ के समीक्षक द्वय
-डॅा0 कन्हैया लाल, एम.ए., एम.फिल.पीएच.डी (समाजशास्त्र-बी.एच.यू.)
निवास-घासीपुर बसाढ़ी, अधवार, चुनार, मीरजापुर (उ0 प्र0)-231304, भारत
-डॅा0 राम व्यास सिंह, एम.ए., पीएच.डी (योग, आई.एम.एस-बी.एच.यू.)
निवास-कोलना, चुनार, मीरजापुर (उ0 प्र0)-231304, भारत
विषय- सूची
भाग-1 : रामायण
भाग-2 : राम
भाग-3 : रावण
भाग-4 : लव और कुश
लव और कुश (त्रेता युग)
लव कुश द्वारा प्रस्तुत रामायण
“लव कुश” नाम की स्थिति
लव कुश पर आधारित निर्मि
विषय- सूची
भाग-1 : रामायण
भाग-2 : राम
भाग-3 : रावण
भाग-4 : लव और कुश
लव और कुश (त्रेता युग)
लव कुश द्वारा प्रस्तुत रामायण
“लव कुश” नाम की स्थिति
लव कुश पर आधारित निर्मित सिनेमा
लव-कुश जन्म भूमि
भाग-5 : सार्वभौम एकात्म
सांख्य दर्शन
धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
आत्मा और विश्वात्मा
1. रज मन
2. तम मन
3. सत्व मन
क. निवृत्ति मार्गी
ख. प्रवृत्ति मार्गी
अवतारी मन
विकासवाद
अवतारवाद
स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द की वाणीयाँ जो सत्य हुईं - व्यक्तिगत जीवन के सम्बन्ध में
स्वामी विवेकानन्द की वाणीयाँ जो सत्य हुईं - सामाजिक जीवन के सम्बन्ध में
विश्वमानव : “वेदान्त की व्यावहारिकता”, “विश्वधर्म” और दर्शन
श्रीकृष्ण
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
रावण
भोगेश्वर : रावण का भाग-दो और अन्तिम
भाग-6 : लव कुश सिंह “विश्वमानव
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार “रामायण”
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
जन्म
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
विश्व सरकार के लिए पुन: भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
भाग-7 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2015 ई0 - सन् 2019 ई0
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
विषय- सूची
कृषि के आविष्कारक - आदि पुरूष महर्षि कूर्म-कश्यप
एक सर्वेक्षण
व्यक्ति की स्थिति, व्यक्ति और परिवार पर धर्म की स्थिति
व्यक्ति पर व्यापार की स्थिति, व्यक्त
विषय- सूची
कृषि के आविष्कारक - आदि पुरूष महर्षि कूर्म-कश्यप
एक सर्वेक्षण
व्यक्ति की स्थिति, व्यक्ति और परिवार पर धर्म की स्थिति
व्यक्ति पर व्यापार की स्थिति, व्यक्ति का परिणाम
भाग-1 : डिजीटल इण्डिया
डिजिटल इण्डिया
“पुनर्निर्माण” की अवधारण में डिजिटलाइजेशन
डिजिटल ग्राम/नगर वार्ड का अर्थ
सरकारी डिजिटलाइजेशन व नीजी डिजिटलाइजेशन
राष्ट्र निर्माण के लिए डिजिटलाइजेशन
भाग-2 : आर्थिक स्वतन्त्रता की यात्रा
पारिश्रमिक का इतिहास और वेतन (सैलरी) का अर्थ
मजदूरी, वेतन, भत्ते और मानदेय, प्रोत्साहन, सौदागर, अभिकर्ता, विशेषाधिकार, दलाली का अर्थ
क्या आपको वस्तु खरीदने पर कम्पनी रायल्टी देती है जबकि कम्पनी आपके कारण हैं?
3-एफ (3-F : Fuel-Fire-Fuel) विपणन प्रणाली
पुनर्निर्माण-3-एफ विपणन प्रणाली से युक्त
भाग-3 : पुनर्निर्माण - सत्य शिक्षा का राष्ट्रीय तीव्र मार्ग
पुनर्निर्माण-राष्ट्र निर्माण का व्यापार
आपकी समस्या और हमारा उपाय
पुनर्निर्माण-छात्रवृत्ति, सहायता व रायल्टी वितरण तिथि
पुनर्निर्माण-प्रणाली की विशेषताएँ
भाग-4 : पुनर्निर्माण के प्रेरक (Catalyst)
राष्ट्र निर्माण का व्यापार और उसकी विधि क्या है?
प्रवेश केन्द्र/ प्रेरक की योग्यता
पुननिर्माण की संचालन प्रणाली की विशेषताएँ
प्रेरक को आर्थिक लाभ
पुननिर्माण पद
भाग-5 : ग्राम एवं नगर
ग्राम या गाँव और ग्राम पंचायत
नगर, नगर वार्ड और नगर पंचायत/निगम/पालिका
पंचायती राज
भाग-6 : मानक ग्राम एवं नगर वार्ड
सहजीवन
स्वराज-सुराज
मानक ग्राम / नगर वार्ड - “पुनर्निर्माण” की अवधारणा
भाग-7 : सत्य नेटवर्क (REAL NETWORK)
सत्य नेटवर्क
ग्राम प्रधान, सभासद और ग्राम/नगर वार्ड प्रेरक - अर्थ और मुख्य कार्य
निवासीयों को लाभ
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
ब. ऐतिहासिक वंश
स. भविष्य के वंश
गोत्र
मनवन्तर
भाग-2 : काल, युग बोध एवं अ
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
ब. ऐतिहासिक वंश
स. भविष्य के वंश
गोत्र
मनवन्तर
भाग-2 : काल, युग बोध एवं अवतार
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
भाग-3 : शिव और ज्योतिर्लिंग
शिव
ज्योतिर्लिंग : अर्थ
योगेश्वर (ज्ञान का विश्वरूप) और भोगेश्वर (कर्मज्ञान का विश्वरूप)
भाग-4 : द्वादश ज्योतिर्लिंग (अदृश्य काल)
01. सोमनाथ
02. मल्लिकार्जुन
03. महाकालेश्वर
04. ओमकारेश्वर
05. केदारनाथ
06. श्रीभीमशंकर
07. श्रीकाशी विश्वनाथ
08. श्रीत्रयम्बकेश्वर
09. श्रीवैद्यनाथ
10. श्रीनागेश्वर
11. श्रीरामेश्वर
12. श्रीघुश्मेश्वर
भाग-5 : काशी
काशी
मोक्षदायिनी काशी और जीवनदायिनी सत्यकाशी : अर्थ व प्रतीक चिन्ह
भाग-6 : 13वां और अन्तिम ज्योतिर्लिंग (दृश्य काल)
13वां और अन्तिम भोगेश्वरनाथ
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
भाग-7 : 2020 - मन का नवीनीकरण
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा
नये समाज के निर्माण का आधार
सन् 2020 ई0 - मन का नवीनीकरण
ईश्वरीय समाज
ईश्वरीय समाज निर्माण की कार्यवाही आधारित पुस्तकें
विश्व-नागरिक धर्म का धर्मयुक्त धर्मशास्त्र - कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेदीय श्रृंखला
विश्व-राज्य धर्म का धर्मनिरपेक्ष धर्मशास्त्र - विश्वमानक शून्य-मन की गुणवत्ता का विश्वमानक (WS-0) श्रृंखला
“सत्यकाशी महायोजना” (वाराणसी-विन्ध्याचल-शिवद्वार-सोनभद्र के बीच का क्षेत्र)
विश्व का मूल मन्त्र-“जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान”
एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: . धर्म शास्त्र कथन
सनातन / हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
बौद्ध धर्म के अनुसार
यहूदी शास्त्र के अनुसार  
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: . धर्म शास्त्र कथन
सनातन / हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
बौद्ध धर्म के अनुसार
यहूदी शास्त्र के अनुसार
ईसाई शास्त्र के अनुसार
इस्लाम शास्त्र के अनुसार
सिक्ख धर्म के अनुसार
मायां कैलण्डर के अनुसार
भाग-2 : भविष्यवक्ता कथन
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के अनुसार
ज्योतिषि श्री बेजन दारूवाला के अनुसार
पुस्तक- ”अमर भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”दुर्लभ भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
अन्य भविष्यवक्ताओं के अनुसार
युग परिवर्तन और परिवर्तनकर्ता का शास्त्र व भविष्यवाणियों के आँकड़ों पर व्याख्या
भाग-3 : मनु और कल्कि अवतार
मनु और मनवन्तर
काल और युग परिवर्तक कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
भाग-4 : घटना-चक्र
काल का प्रथम रूप - अदृश्य काल
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
श्रीकृष्ण व महाभारत काल
श्री राम कृष्ण व विवेकानन्द काल (1836 ई.-1902 ई.)
भारत के स्वतन्त्रता का उच्च काल (1903 ई.-1946 ई.)
स्वतन्त्र भारत व लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ काल (1947 ई.-2015 ई.)
सन् 2001 से सन् 2010
सन् 2011 से सन् 2015
काल का द्वितीय और अन्तिम रूप - दृश्य काल
धर्म ज्ञान का अन्त - वर्तमान समय - इतिहास लौट चुका है
सन् 2016 ई0
सन् 2017 ई0
सन् 2018 ई0
सन् 2019 ई0
सन् 2020 ई0
वर्ष 2020 ई0 में खगोलिय घटना
वर्ष 2020 ई0 में प्राकृतिक घटना
वर्ष 2020 ई0 : सार्वभौम एकात्मता-मानवता का सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानप
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपाद शाखा
ब. ऐतिहासिक वंश
1. ब्रह्म वंश
2. सूर्य वंश
3. चन्द्र वंश
स. भविष्य के वंश
गोत्र
मनवन्तर
भाग-2 : व्यास और शास्त्र
लेखक/शास्त्राकार
शास्त्र
वेदव्यास
लेखकों/शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
पुराण
व्यास और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
युगानुसार धर्म, प्रवर्तक और धर्मशास्त्र
व्यष्टि और समष्टि धर्मशास्त्र
शास्त्रार्थ, शास्त्र पर होता है, शास्त्राकार से और पर नहीं
भाग-3 : कल्कि अवतार
काल और युग परिवर्तक कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
कल्कि अवतार और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
भाग-4 : लव कुश सिंह “विश्वमानव”
अदृश्य काल में विश्वात्मा का प्रथम जन्म - योगेश्वर श्री कृष्ण
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का पहला भाग - स्वामी विवेकानन्द
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का अन्तिम भाग - भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“
बुड्ढा कृष्ण - कृष्ण का भाग दो और अन्तिम
एक ही मानव शरीर के जीवन, ज्ञान और कर्म के विभिन्न विषय क्षेत्र से मुख्य नाम
भाग-5 : 2020 - मन का नवीनीकरण
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
व्यवस्था के परिवर्तन या सत्यीकरण का पहला प्रारूप और उसकी कार्य विधि
मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा
नये समाज के निर्माण का आधार
सन् 2020 ई0 - मन का नवीनीकरण
ईश्वरीय समाज
विषय- सूची
काल, युग बोध एवं अवतार
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
भाग-1 : आविष्कार और आविष्कारक का संक्ष
विषय- सूची
काल, युग बोध एवं अवतार
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
भाग-1 : आविष्कार और आविष्कारक का संक्षिन्त परिचय
आविष्कार क्यों हुआ?
आविष्कारक कौन है?
क. भौतिक रूप से
ख. आर्थिक रूप से
ग. मानसिक रूप से
घ. नाम रूप से
च. समय रूप से
आविष्कार विषय क्या है?
आविष्कार की उपयोगिता क्या है?
आविष्कार किस प्रकार हुआ?
भाग-2 : लव कुश सिंह “विश्वमानव”
ईश्वर चक्र (सार्वभौम सत्य सिद्धान्त)
विश्वशास्त्र - विषय-प्रवेश
विश्वशास्त्र - अध्याय-एक : ईश्वर
जीवन परिचय
विश्वशास्त्र - अध्याय-दो : जीवन परिचय
ज्ञान परिचय
विश्वशास्त्र - अध्याय-तीन : ज्ञान परिचय
कर्म परिचय
विश्वशास्त्र - अध्याय-चार : कर्म परिचय (सार्वजनिक प्रमाणित दृश्य महायज्ञ)
विश्वरूप
विश्वशास्त्र - अध्याय-पाँच : सार्वजनिक प्रमाणित विश्वरूप
विश्वशास्त्र - परिशिष्ट, विषय- सूची
भाग-3
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
सन् 2020 ई0 - मन का नवीनीकरण
ईश्वरीय समाज
विश्व-नागरिक धर्म का धर्मयुक्त धर्मशास्त्र - कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेदीय श्रृंखला
विश्व-राज्य धर्म का धर्मनिरपेक्ष धर्मशास्त्र - विश्वमानक शून्य-मन की गुणवत्ता का विश्वमानक (WS-0) श्रृंखला
प्राकृतिक सत्य मिशन
विश्वधर्म मन्दिर
सत्यकाशी ब्रह्माण्डीय एकात्म विज्ञान विश्वविद्यालय
“सत्यकाशी महायोजना” (वाराणसी-विन्ध्याचल-शिवद्वार-सोनभद्र के बीच का क्षेत्र)
विश्व का मूल मन्त्र-“जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान”
एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य
भाग-4 : सत्य आमंत्रण
पाँचवें युग - स्वर्णयुग में प्रवेश का आमंत्रण
विषय- सूची
ऋषि
ऋषि परम्परा
भाग-1 : व्यास
लेखक/शास्त्राकार
शास्त्र
वेदव्यास
लेखकों/शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
भाग-2 : रा
विषय- सूची
ऋषि
ऋषि परम्परा
भाग-1 : व्यास
लेखक/शास्त्राकार
शास्त्र
वेदव्यास
लेखकों/शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
भाग-2 : रामायण
चौबीसवें व्यास - भृगुवंशी ऋक्ष : वाल्मीकि
रामायण
रामायण की सीख
रामायण का रचनाकाल
रामायण की विश्व यात्रा
वर्तमान समय में भारत में रामायण
रामायण द्वारा प्रेरित अन्य साहित्यिक महाकाव्य
भाग-3 : दूसरायुग : त्रेतायुग
सातवां अवतार : श्रीराम अवतार
श्रीरामचंद्र की वाणी
श्री राम जन्मभूमि
मुंगेर - राम का जन्म स्थान
रावण
भाग-4 : लव और कुश (त्रेतायुग)
लव और कुश (त्रेता युग)
लव कुश द्वारा प्रस्तुत रामायण
“लव कुश” नाम की स्थिति
लव कुश पर आधारित निर्मित सिनेमा
लव-कुश जन्म भूमि
भाग-5 : लवकुश (कलियुग)
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त अनुसार “रामायण”
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
जन्म
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
विश्व सरकार के लिए पुन: भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
भाग-6 : पाँचवाँयुग : सत्ययुग/स्वर्णयुग
सन् 2015 ई0 - सन् 2019 ई0
वर्ष 2020 ई0 में खगोलिय घटना : 6 ग्रहण (4 चंद्र ग्रहण, 2 सूर्य ग्रहण)
वर्ष 2020 ई0 में प्राकृतिक घटना : कोरोना (COVID-19) वायरस से वैश्विक महामारी
वर्ष 2020 ई0 : सार्वभौम एकात्मता-मानवता का सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपा
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपाद शाखा
ब. ऐतिहासिक वंश
1. ब्रह्म वंश
2. सूर्य वंश
3. चन्द्र वंश
स. भविष्य के वंश
गोत्र
मनवन्तर
भाग-2 : ऋषि, ऋषि परम्परा
ऋषि
वेद
उपनिषद्
ऋषि परम्परा
स्वामी विवेकानन्द की दृष्टि में
वेद
वेदान्त
ईश्वर
गुरु, शिष्य, अवतार और मन्त्र
ऋषि और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
“सम्पूर्ण मानक” का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
भाग-3 : कल्कि अवतार
काल और युग परिवर्तक कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
कल्कि अवतार और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
भाग-4 : लव कुश सिंह “विश्वमानव”
अदृश्य काल में विश्वात्मा का प्रथम जन्म - योगेश्वर श्री कृष्ण
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का पहला भाग - स्वामी विवेकानन्द
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का अन्तिम भाग - भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“
बुड्ढा कृष्ण - कृष्ण का भाग दो और अन्तिम
एक ही मानव शरीर के जीवन, ज्ञान और कर्म के विभिन्न विषय क्षेत्र से मुख्य नाम
भाग-5 : 2020 - मन का नवीनीकरण
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
व्यवस्था के परिवर्तन या सत्यीकरण का पहला प्रारूप और उसकी कार्य विधि
मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा
नये समाज के निर्माण का आधार
सन् 2020 ई0 - मन का नवीनीकरण
ईश्वरीय समाज
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानप
विषय- सूची
भाग-1 : वंश एवं गोत्र
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपाद शाखा
ब. ऐतिहासिक वंश
1. ब्रह्म वंश
2. सूर्य वंश
3. चन्द्र वंश
स. भविष्य के वंश
गोत्र
भाग-2 : मनु
मनु
मनवन्तर
आठवाँ सावर्णि मनु और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
भाग-3 : कल्कि अवतार
काल और युग परिवर्तक कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
कल्कि अवतार और लव कुश सिंह “विश्वमानव”
भाग-4 : लव कुश सिंह “विश्वमानव”
अदृश्य काल में विश्वात्मा का प्रथम जन्म - योगेश्वर श्री कृष्ण
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का पहला भाग - स्वामी विवेकानन्द
दृश्य काल में विश्वात्मा के जन्म का अन्तिम भाग - भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह ”विश्वमानव“
बुड्ढा कृष्ण - कृष्ण का भाग दो और अन्तिम
एक ही मानव शरीर के जीवन, ज्ञान और कर्म के विभिन्न विषय क्षेत्र से मुख्य नाम
भाग-5 : 2020 - मन का नवीनीकरण
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
व्यवस्था के परिवर्तन या सत्यीकरण का पहला प्रारूप और उसकी कार्य विधि
मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा
नये समाज के निर्माण का आधार
सन् 2020 ई0 - मन का नवीनीकरण
ईश्वरीय समाज
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: ईश्वर, अवतार और पुर्नजन्म
भाग-2 : . विश्वात्मा/विश्वमन का विखण्डन व संलयन
सांख्य दर्शन
धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: ईश्वर, अवतार और पुर्नजन्म
भाग-2 : . विश्वात्मा/विश्वमन का विखण्डन व संलयन
सांख्य दर्शन
धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
आत्मा और विश्वात्मा
अवतारी मन
विकासवाद
अवतारवाद
भाग-3 : पुर्नजन्म और काल चक्र
विश्वमानव : “वेदान्त की व्यावहारिकता”, “विश्वधर्म” और दर्शन
बुड्ढा कृष्ण : कृष्ण का भाग-दो और अन्तिम
भोगेश्वर : रावण का भाग-दो और अन्तिम
भाग-4 : घटना-चक्र
काल का प्रथम रूप - अदृश्य काल
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
श्रीकृष्ण व महाभारत काल
श्री राम कृष्ण व विवेकानन्द काल (1836 ई.-1902 ई.)
भारत के स्वतन्त्रता का उच्च काल (1903 ई.-1946 ई.)
स्वतन्त्र भारत व लव कुश सिंह ”विश्वमानव“ काल (1947 ई.-2015 ई.)
काल का द्वितीय और अन्तिम रूप - दृश्य काल
धर्म ज्ञान का अन्त - वर्तमान समय - इतिहास लौट चुका है
वर्ष 2020 ई0 का खगोलिय सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का प्राकृतिक सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का सार्वभौम सन्देश
वर्ष 2020 ई0 का अवतारी सन्देश
भाग-5
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
परिचय
समाज रचना और व्यापार का आधार
सृष्टि, ईश्वरीय समाज और व्यापार
विश्व सरकार के लिए पुन: भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1 : आर्थिक स्वतन्त्रता की यात्रा
मजदूरी, वेतन, भत्ते और मानदेय, प्रोत्साहन, सौदागर, अभिकर्ता, विशेषाधिकार, दलाली का अर्थ
रायल
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1 : आर्थिक स्वतन्त्रता की यात्रा
मजदूरी, वेतन, भत्ते और मानदेय, प्रोत्साहन, सौदागर, अभिकर्ता, विशेषाधिकार, दलाली का अर्थ
रायल्टी-अर्थ और प्रकार, ईश्वर और पुनर्जन्म
क्या आपको वस्तु खरीदने पर कम्पनी रायल्टी देती है जबकि कम्पनी आपके कारण हैं?
विपणन प्रणाली
3-एफ (3-F : Fuel-Fire-Fuel) विपणन प्रणाली
भाग-2 : समस्या
भाग-3 : समाधान
समष्टि (संयुक्त) समाधान
व्यष्टि (व्यक्तिगत) समाधान
भाग-4 : पुनर्निर्माण - सत्य शिक्षा का राष्ट्रीय तीव्र मार्ग
पुनर्निर्माण क्यों?
ये पाठ्यक्रम क्या है?
अ-सामान्यीकरण (Generalization) शिक्षा
01. सत्य शिक्षा (REAL EDUCATION)
02. सत्य पेशा (REAL PROFESSION)
03. सत्य पुस्तक (REAL BOOK)
04. सत्य स्थिति (REAL STATUS)
05. सत्य एस्टेट एजेन्ट (REAL ESTATE AGENT)
06. सत्य किसान (REAL KISAN)
ब-विशेषीकरण (Specialization) शिक्षा
01. सत्य कौशल (REAL SKILL)
02. डिजीटल कोचिंग (DIGITAL COACHING)
स-सत्य नेटवर्क (REAL NETWORK)
भाग-5 : डिजिटल सत्य नेटवर्क
01. ग्राम नेटवर्क
02. वार्ड नेटवर्क
03. एन.जी.ओ/ट्रस्ट नेटवर्क
04. विश्वमानक मानव नेटवर्क
05. नेतृत्व नेटवर्क
06. जर्नलिस्ट नेटवर्क
07. शिक्षक नेटवर्क
08. शैक्षिक संस्थान नेटवर्क
09. लेखक-ग्रन्थकार-रचयिता नेटवर्क
10. गायक नेटवर्क
11. खिलाड़ी नेटवर्क
12. पुस्तक विक्रेता नेटवर्क
13. होटल और आहार गृह नेटवर्क
भाग-6 : डिजिटल प्रापर्टी और एजेन्ट नेटवर्क
भाग-7 : पुनर्निर्माण के प्रेरक
1.मण्डल प्रेरक
2.जिला प्रेरक
3.”विश्वशास्त्र“ मन्दिर
4.ब्राण्ड फ्रैन्चाइजी
5.डाक क्षेत्र प्रवेश केन्द्र
6.ग्राम/नगर वार्ड प्रेरक
7.स्वतन्त्र प्रेरक
विषय- सूची
विश्व या जगत्
ब्रह्माण्ड या व्यापार केन्द्र : एक अनन्त व्यापार क्षेत्र
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति
ब्लैक होल और आत्मा
सौर मण्डल
पृथ्वी
भाग-1: पृष्ठभूमि
भा
विषय- सूची
विश्व या जगत्
ब्रह्माण्ड या व्यापार केन्द्र : एक अनन्त व्यापार क्षेत्र
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति
ब्लैक होल और आत्मा
सौर मण्डल
पृथ्वी
भाग-1: पृष्ठभूमि
भारत देश
बिहार राज्य
मुंगेर और बेगूसराय
उत्तर प्रदेश
अयोध्या
मीरजापुर
भाग-2 : जन्मभूमि
जन्मभूमि
श्री राम जन्मभूमि
श्री कृष्ण जन्म भूमि
गौतम बुद्ध जन्म भूमि
लव-कुश जन्म भूमि
भाग-3 : मुंगेर - राम का जन्म स्थान
भाग-4 : उत्तर प्रदेश और बिहार के सत्य अर्थ के जीवन्त प्रतीक
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
जन्म
परिचय
नये समाज के निर्माण का आधार
ईश्वरीय समाज
ईश्वरीय समाज निर्माण की कार्यवाही आधारित पुस्तकें
विश्व-नागरिक धर्म का धर्मयुक्त धर्मशास्त्र - कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेदीय श्रृंखला
विश्व-राज्य धर्म का धर्मनिरपेक्ष धर्मशास्त्र - विश्वमानक शून्य-मन की गुणवत्ता का विश्वमानक (WS-0) श्रृंखला
प्राकृतिक सत्य मिशन (Natural Truth Mission)
विश्वधर्म मन्दिर
सत्यकाशी ब्रह्माण्डीय एकात्म विज्ञान विश्वविद्यालय
(Satyakashi Universal Integration Science University-SUISU)
“सत्यकाशी महायोजना” (वाराणसी-विन्ध्याचल-शिवद्वार-सोनभद्र के बीच का क्षेत्र)
विषय- सूची
उपासना और उपासना स्थल
पौराणिक देवी-देवता: मनुष्य समाज के विभिन्न पदों के मानक चरित्र
भाग-1 : धर्म
धर्म का अर्थ, धर्म और रिलिजन
धर्म की परिभाषा, तत्व चिंत
विषय- सूची
उपासना और उपासना स्थल
पौराणिक देवी-देवता: मनुष्य समाज के विभिन्न पदों के मानक चरित्र
भाग-1 : धर्म
धर्म का अर्थ, धर्म और रिलिजन
धर्म की परिभाषा, तत्व चिंतन और आवश्यकता
धर्म एवं दर्शन, धर्मदर्शन, विज्ञान, नैतिकता
धर्म में वस्तु तत्व एवं प्रतीक
धर्मसमभाव की अवधारणा और विश्वधर्म का आधार
भाग-2 : भारत माता मन्दिर
सत्यमित्रानन्द गिरि
भारत माता मन्दिर
भाग-3 : विश्व धर्म मन्दिर
स्वामी विवेकानन्द
रामकृष्ण मन्दिर
स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान
01. धर्म महासभा स्वागत भाषण का उत्तर, दिनांक 11 सितम्बर, 1893
02. हमारे मतभेद का कारण, 15 सितम्बर, 1893
03. हिन्दू धर्म, 19 सितम्बर, 1893
04. धर्म भारत की प्रधान आवश्यकता नहीं, 20 सितम्बर, 1893
05. बौद्ध धर्म, 26 सितम्बर, 1893
लव कुश सिंह “विश्वमानव
विश्व धर्म मन्दिर
विषय- सूची
समाज
नये समाज के निर्माण का आधार
भाग-1 : समाज
राजा राम मोहन राय-ब्रह्म समाज
केशवचन्द्र सेन-प्रार्थना समाज
स्वामी दयानन्द-आर्य समाज
श्रीमती एनी
विषय- सूची
समाज
नये समाज के निर्माण का आधार
भाग-1 : समाज
राजा राम मोहन राय-ब्रह्म समाज
केशवचन्द्र सेन-प्रार्थना समाज
स्वामी दयानन्द-आर्य समाज
श्रीमती एनीबेसेन्ट-थीयोसोफीकल सोसायटी
भाग-2: धर्म
धर्म का अर्थ, धर्म और रिलिजन
धर्म की परिभाषा, तत्व चिंतन और आवश्यकता
धर्म एवं दर्शन, धर्मदर्शन, विज्ञान, नैतिकता
धर्म में वस्तु तत्व एवं प्रतीक
धर्मसमभाव की अवधारणा और विश्वधर्म का आधार
भाग-3: ईश्वरीय समाज
स्वामी विवेकानन्द - रामकृष्ण मिशन
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित सहस्त्राब्दि सम्मेलन-2000 ई0
राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन
आइये विश्व के लिए एक नया मार्ग रखें
धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेताओं का सम्मेलन
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
ईश्वरीय समाज
ईश्वरीय समाज निर्माण की कार्यवाही आधारित पुस्तकें
विश्व-नागरिक धर्म का धर्मयुक्त धर्मशास्त्र - कर्मवेद: प्रथम, अन्तिम तथा पंचम वेदीय श्रृंखला
विश्व-राज्य धर्म का धर्मनिरपेक्ष धर्मशास्त्र - विश्वमानक शून्य-मन की गुणवत्ता का विश्वमानक (WS-0) श्रृंखला
प्राकृतिक सत्य मिशन (Natural Truth Mission)
विश्वधर्म मन्दिर
सत्यकाशी ब्रह्माण्डीय एकात्म विज्ञान विश्वविद्यालय
(Satyakashi Universal Integration Science University-SUISU)
“सत्यकाशी महायोजना” (वाराणसी-विन्ध्याचल-शिवद्वार-सोनभद्र के बीच का क्षेत्र)
एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व के निर्माण के लिए आवश्यक कार्य
एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य
विश्व का मूल मन्त्र- “जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान”
विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
भाग-4 : सत्य आमंत्रण
पाँचवें युग - स्वर्णयुग के तीर्थ सत्यकाशी क्षेत्र में प्रवेश का आमंत्रण
पाँचवें युग - स्वर्णयुग में प्रवेश का आमंत्रण
विषय- सूची
लेखक /शास्त्राकार
शास्त्र
कालजयी, जीवन और व्यर्थ साहित्य
भाग-1: शास्त्र
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक”का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का म
विषय- सूची
लेखक /शास्त्राकार
शास्त्र
कालजयी, जीवन और व्यर्थ साहित्य
भाग-1: शास्त्र
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक”का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
व्यष्टि और समष्टि धर्मशास्त्र
जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द
अन्य वक्तव्य
• बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर
• श्री यदुनाथ सिंह, पूर्व विधायक, चुनार क्षेत्र
• श्री ए.पी.जे, अब्दुल कलाम, पूर्व राष्ट्रपति, भारत
• श्री अटल विहारी वाजपेयी (पूर्व प्रधानमंत्री, भारत)
• श्री लाल कृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय गृह मन्त्री, भारत
• श्री वी. एस. नायपाल (साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित)
• श्री मुरली मनोहर जोशी,
• श्री राम नाइक, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, भारत
• दलाईलामा, तिब्बति धर्म गुरू
• श्री प्रणव मुखर्जी, राष्ट्रपति, भारत
• श्री सैम पित्रोदा, पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय नवोन्मेष परिषद्
• श्री विल क्लिन्टन, राष्ट्रपति, संयुक्त राज्य अमेरिका
• धार्मिक नेताओं के सहस्त्राब्दि विश्व शान्ति सम्मेलन का परिणाम
• श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत
भाग-2 : सत्य शास्त्र
हरिवंश राय बच्चन – “मधुशाला”
स्वामी अड़गड़ानन्द – “यथार्थ गीता”
मनु शर्मा – “कृष्ण की आत्मकथा”
बिल गेट्स – “बिजनेस @ द स्पीड आफ थाट”
स्टीफेन हाकिंग – “समय का संक्षिप्त इतिहास”
भाग-3 : विश्वशास्त्र
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विश्वशास्त्र की स्थापना
रचना क्यों?
आविष्कार किस प्रकार हुआ?
उपयोगिता क्या है?
बाद का मनुष्य, समाज और शासन
कितना छोटा और कितना बड़ा?
एक ही शास्त्र-साहित्य के विभिन्न नाम
विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
सम्बन्धित स्थान?
कल्कि महाअवतार से उत्पन्न नयी प्रणाली और व्यापार
विषय- सूची
भाग-1 : विश्वमानव - वार्ता
“विश्वमानव“ से वार्ता – 1
“विश्वमानव“ से वार्ता – 2
“विश्वमानव“ से वार्ता – 3
भाग-2 : विश्वमानव - वक्तव्य
विश्व शान्ति
विषय- सूची
भाग-1 : विश्वमानव - वार्ता
“विश्वमानव“ से वार्ता – 1
“विश्वमानव“ से वार्ता – 2
“विश्वमानव“ से वार्ता – 3
भाग-2 : विश्वमानव - वक्तव्य
विश्व शान्ति के लिए मन का मानकीकरण केवल शब्द नहीं, बल्कि उसके मानक का निर्धारण व प्रकाशन हो चुका है।
मैं भारत और अमेरिका के हताश होने की प्रतीक्षा कर रहा हूँ
रचनात्मक पत्रकारिता - पत्रकारिता का सत्य-रूप
21 दिसम्बर, 2012 को सर्वनाश नहीं बल्कि पाँचवें युग - स्वर्ण युग और सत्यकाशी तीर्थ प्रकट हुआ है
मेरे विश्व शान्ति के कार्य हेतु बनाये गये पाँच ट्रस्ट मानवता के लिए सत्य-कार्य एवं दान के लिए
सुयोग्य पात्र
भाग-3 : विश्वमानव – वाणीयाँ एवं उद्गार
“विश्वमानव“ की वाणीयाँ
“विश्वमानव“ के उद्गार
भाग-4 : गजल, शायरी और कविताएँ
गजल
शायरी
कविताएँ
विषय- सूची
गुरू
भाग-1 : संत एवं गुरू
संत श्री रामानन्द
गोरक्षनाथ
धर्म सम्राट करपात्री जी
सांई बाबा शिरडी वाले
अवधूत भगवान राम
श्री रामकृष्ण परमहंस एवं श्र
विषय- सूची
गुरू
भाग-1 : संत एवं गुरू
संत श्री रामानन्द
गोरक्षनाथ
धर्म सम्राट करपात्री जी
सांई बाबा शिरडी वाले
अवधूत भगवान राम
श्री रामकृष्ण परमहंस एवं श्रीमाँ शारदा देवी
महर्षि अरविन्द
आचार्य रजनीश ”ओशो“
श्री सत्योगानन्द “भुईधराबाबा”
श्री श्री रविशंकर
भाग-2 : विश्व संत एवं गुरू
व्यष्टि विश्व संत एवं गुरू
श्रीमद् निम्बार्काचार्य
आदि शंकराचार्य
श्रीमद् रामानुजाचार्य
श्रीमद् माध्वाचार्य
श्रीमद् वल्लभाचार्य
समष्टि विश्व संत एवं गुरू
स्वामी विवेकानन्द - रामकृष्ण मिशन
स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि - भारत माता मन्दिर (ऋृषिकेश)
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
- प्राकृतिक सत्य मिशन (Natural Truth Mission)
1. राष्ट्रीय रचनात्मक आन्दोलन: स्वायत्तशासी उपसमिति /संगठन
I. प्राकृतिक सत्य एवं धार्मिक शिक्षा प्रसार केन्द्र (CENTRE)
II. ट्रेड सेन्टर (TRADE CENTRE)
III. विश्व राजनीतिक पार्टी संघ (WPPO)
(क) परिचय
(ख) राष्ट्रीय क्रान्ति मोर्चा
(ग) राष्ट्रीय सहजीवन आन्दोलन
(घ) स्वराज-सुराज आन्दोलन
(च) विश्व एकीकरण आन्दोलन (सैद्धान्तिक)
2. प्राकृतिक सत्य मिशन के विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
3. राम कृष्ण मिशन और प्राकृतिक सत्य मिशन
- विश्वधर्म मन्दिर
विषय- सूची
गुरू
भाग-1 : संत एवं गुरू
संत श्री रामानन्द
गोरक्षनाथ
धर्म सम्राट करपात्री जी
सांई बाबा शिरडी वाले
अवधूत भगवान राम
श्री रामकृष्ण परमहंस एवं श्र
विषय- सूची
गुरू
भाग-1 : संत एवं गुरू
संत श्री रामानन्द
गोरक्षनाथ
धर्म सम्राट करपात्री जी
सांई बाबा शिरडी वाले
अवधूत भगवान राम
श्री रामकृष्ण परमहंस एवं श्रीमाँ शारदा देवी
महर्षि अरविन्द
आचार्य रजनीश ”ओशो“
श्री सत्योगानन्द “भुईधराबाबा”
श्री श्री रविशंकर
भाग-2 : विश्व संत एवं गुरू
व्यष्टि विश्व संत एवं गुरू
श्रीमद् निम्बार्काचार्य
आदि शंकराचार्य
श्रीमद् रामानुजाचार्य
श्रीमद् माध्वाचार्य
श्रीमद् वल्लभाचार्य
समष्टि विश्व संत एवं गुरू
स्वामी विवेकानन्द - रामकृष्ण मिशन
स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि - भारत माता मन्दिर (ऋृषिकेश)
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
- प्राकृतिक सत्य मिशन (Natural Truth Mission)
1. राष्ट्रीय रचनात्मक आन्दोलन: स्वायत्तशासी उपसमिति /संगठन
I. प्राकृतिक सत्य एवं धार्मिक शिक्षा प्रसार केन्द्र (CENTRE)
II. ट्रेड सेन्टर (TRADE CENTRE)
III. विश्व राजनीतिक पार्टी संघ (WPPO)
(क) परिचय
(ख) राष्ट्रीय क्रान्ति मोर्चा
(ग) राष्ट्रीय सहजीवन आन्दोलन
(घ) स्वराज-सुराज आन्दोलन
(च) विश्व एकीकरण आन्दोलन (सैद्धान्तिक)
2. प्राकृतिक सत्य मिशन के विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
3. राम कृष्ण मिशन और प्राकृतिक सत्य मिशन
- विश्वधर्म मन्दिर
विषय- सूची
भाग-1: काशी (सत्व)
शिव
तीसरी आँख (Third Eye)
योगेश्वर (ज्ञान का विश्वरूप) और भोगेश्वर (कर्मज्ञान का विश्वरूप)
ज्योतिर्लिंग : अर्थ और द्वादस (12) ज्योतिर्लिंग
ज्योतिर्ल
विषय- सूची
भाग-1: काशी (सत्व)
शिव
तीसरी आँख (Third Eye)
योगेश्वर (ज्ञान का विश्वरूप) और भोगेश्वर (कर्मज्ञान का विश्वरूप)
ज्योतिर्लिंग : अर्थ और द्वादस (12) ज्योतिर्लिंग
ज्योतिर्लिंगों का स्थान
काशी
मोक्षदायिनी काशी और जीवनदायिनी सत्यकाशी : अर्थ व प्रतीक चिन्ह
भाग-2 : मोक्षदायिनी काशी (रज)
(www.kashikatha.com)
विश्वेश्वर (योगेश्वरनाथ) : प्रथम ज्योतिर्लिंग क्यों?
मोक्षदायिनी काशी : पंचम, प्रथम एवं सप्तम काशी
मोक्षदायिनी काशी : वाराणसी
काशी विश्वनाथ मन्दिर
रामनगर
काशी (वाराणसी)-घटना क्रम की दृष्टि में
काशी (वाराणसी) में श्रीकृष्ण
काशी (वाराणसी) में भगवान बुद्ध
काशी (वाराणसी) में स्वामी विवेकानन्द
काशी (वाराणसी) में श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव”
काशी चौरासी कोस यात्रा
सोनभद्र
शिवद्वार
विन्ध्य पर्वत, क्षेत्र और धाम : विन्ध्यक्षेत्र से तय होता है भारत का मानक समय
भाग-3 : जीवनदायिनी सत्यकाशी (तम)
(www.satyakashi.com)
भोगेश्वरनाथ: 13वाँ और अन्तिम ज्योतिर्लिंग क्यों?
जीवनदायिनी सत्यकाशी: पंचम, अन्तिम और सप्तम काशी
जीवनदायिनी सत्यकाशी: काशी (वाराणसी)-सोनभद्र-शिवद्वार-विन्ध्याचल के बीच का क्षेत्र
सत्यकाशी क्षेत्र से व्यक्त हुये मुख्य विषय
मीरजापुर
चुनार एवं चुनार क्षेत्र
सत्यकाशी में श्रीराम
सत्यकाशी में श्रीकृष्ण
सत्यकाशी में भगवान बुद्ध
सत्यकाशी में स्वामी विवेकानन्द
सत्यकाशी में श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव”
जरगो नदी और श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव”
व्यक्ति, एक विचार और अरबों रूपये का व्यापार
सत्यकाशी महायोजना
सत्यकाशी महायोजना-प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की योजना
पाँचवें युग-स्वर्णयुग के तीर्थ सत्यकाशी क्षेत्र में प्रवेश का आमंत्रण
विषय- सूची
विश्व शान्ति
ईश्वर का मस्तिष्क, मानव का मस्तिष्क और कम्प्यूटर
भाग-1 : विश्व धर्म संसद
01. विश्व धर्म संसद-सन् 1893 ई0 परिचय
स्वामी विवेकानन्द के व्याख्या
विषय- सूची
विश्व शान्ति
ईश्वर का मस्तिष्क, मानव का मस्तिष्क और कम्प्यूटर
भाग-1 : विश्व धर्म संसद
01. विश्व धर्म संसद-सन् 1893 ई0 परिचय
स्वामी विवेकानन्द के व्याख्यान
01. धर्म महासभा स्वागत भाषण का उत्तर, दिनांक 11 सितम्बर, 1893
02. हमारे मतभेद का कारण, 15 सितम्बर, 1893
03. हिन्दू धर्म, 19 सितम्बर, 1893
04. धर्म भारत की प्रधान आवश्यकता नहीं, 20 सितम्बर, 1893
05. बौद्ध धर्म, 26 सितम्बर, 1893
06. धन्यवाद भाषण, 27 सितम्बर, 1893
02. विश्व धर्म संसद-सन् 1993 ई0 परिचय
03. विश्व धर्म संसद-सन् 1999 ई0 परिचय
04. विश्व धर्म संसद-सन् 2004 ई0 परिचय
05. विश्व धर्म संसद-सन् 2009 ई0 परिचय
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आयोजित सहस्त्राब्दि सम्मेलन-2000 ई0
01. राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन
02. धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेताओं का सम्मेलन
भाग-2 : विश्व शान्ति का अन्तिम मार्ग
एकात्मकर्मवाद और विश्व का भविष्य
विश्व का मूल मन्त्र- ”जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान-जय ज्ञान-जय कर्मज्ञान“
विश्वमानक-शून्य श्रृंखला (निर्माण का आध्यात्मिक न्यूट्रान बम)
भारत का संकट, हल, विश्वनेतृत्व की अहिंसक स्पष्ट दृश्य नीति, सर्वोच्च संकट और विवशता
गणराज्य-संघ को मार्गदर्शन
01. गणराज्यों के संघ-भारत को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
02. राष्ट्रो के संघ - संयुक्त राष्ट्र संघ को सत्य और अन्तिम मार्गदर्शन
03. अवतारी संविधान से मिलकर भारतीय संविधान बनायेगा विश्व सरकार का संविधान
04. ”भारत“ के विश्वरूप का नाम है-”इण्डिया (INDIA)“
05. विश्व सरकार के लिए पुनः भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
- शून्य का प्रथम आविष्कार का परिचय
- शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार का परिचय
विषय- सूची
भाग-1 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के पूर्व जन्में भूतपूर्व नेतृत्वकर्ता
01. महात्मा गाँधी (2 अक्टुबर, 1869 - 30 जनवरी, 1948)
02. सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टुबर, 1875 - 15 दिसम्बर, 19
विषय- सूची
भाग-1 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के पूर्व जन्में भूतपूर्व नेतृत्वकर्ता
01. महात्मा गाँधी (2 अक्टुबर, 1869 - 30 जनवरी, 1948)
02. सरदार वल्लभ भाई पटेल (31 अक्टुबर, 1875 - 15 दिसम्बर, 1950)
03. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन् (5 सितम्बर, 1888 - 17 अप्रैल 1975)
04. पं0 जवाहर लाल नेहरु (14 नवम्बर, 1889 - 27 मई, 1964)
05. बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 - 6 दिसम्बर, 1956)
06. लोकनायक जय प्रकाश नारायण (11 अक्टुबर, 1902 - 8 अक्टुबर, 1979)
07. लाल बहादुर शास्त्री (2 अक्टुबर, 1904 - 11 जनवरी 1966)
08. राम मनोहर लोहिया (23 मार्च, 1910 - 12 अक्टुबर, 1967)
09. आर.वेंकटरामन (4 दिसम्बर, 1910 - 27 जनवरी, 2009)
10. पं0 दीन दयाल उपाध्याय (25 सितम्बर, 1916 - 11 फरवरी, 1968)
11. इन्दिरा गाँधी (19 नवम्बर, 1917 - 31 अक्टुबर, 1984)
12. शंकर दयाल शर्मा (19 अगस्त, 1918 - 26 दिसम्बर, 1999)
13. जान पाल, द्वितीय (18 मई, 1920 - 2 अप्रैल 2005)
14. के.आर.नारायणन (27 अक्टुबर, 1920 - 9 नवम्बर, 2005)
15. अशोक सिंघल ( 27 सितम्बर 1926 - 17 नवम्बर 2015)
16. चन्द्रशेखर (1 जुलाई, 1927 - 8 जुलाई, 2007)
17. रोमेश भण्डारी (29 मार्च, 1928 - 7 सितम्बर, 2013)
18. के. एस. सुदर्शन (18 जून, 1931 - 15 सितम्बर, 2012)
19. विश्वनाथ प्रताप सिंह (25 जून, 1931 - 27 नवम्बर, 2008)
20. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (15 अक्टुबर, 1931 - 27 जुलाई 2015)
21. स्वामी शिवानन्द (माघ शुक्ल बसन्त पंचमी, सरस्वती जन्मोत्सव, 1932 ई0 में - )
22. राजीव गाँधी (20, अगस्त, 1944 - 21 मई, 1991)
भाग-2 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के बाद जन्में भूतपूर्व नेतृत्वकर्ता
01. राजीव दीक्षित (30 नवम्बर 1967 - 30 नवम्बर 2010)
विषय- सूची
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
भाग-1 : वंश
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपाद शाखा
ब. ऐत
विषय- सूची
मानव सभ्यता का विकास और जाति की उत्पत्ति
भाग-1 : वंश
अ. पौराणिक वंश
1. मनुर्भरत वंश की प्रियव्रत शाखा
2. मनुर्भरत वंश की उत्तानपाद शाखा
ब. ऐतिहासिक वंश
1. ब्रह्म वंश
2. सूर्य वंश
3. चन्द्र वंश
स. भविष्य के वंश
भाग-2 : गोत्र
भाग-3 : कूर्मवंशी
कूर्मवंशी क्षत्रिय रियासतें
कूर्मवंशी क्षत्रिय वंश के महान विभूतियाँ, संत, अमर शहीद
भाग-4 : वसुधैव कुटुम्बकम्
आर्य
विज्ञान ने भी आर्य द्रविड़ के भेद को नकारा
जेनेटिक हिस्ट्री आफ साउथ एशिया
कैब्रिज के डा0 कीवीसील्ड ने किया शोध निर्देशन
माइटोकांड्रियल डीएनए में छुपा है पुरखों का इतिहास
एक वंशवृक्ष से जुड़े है सभी भारतीय
विषय- सूची
भाग-1: काशी (सत्व)
भाग-2 : जीवनदायिनी सत्यकाशी (तम)
भाग-3 : सत्यकाशी : दृश्य काल के प्रथम और अन्तिम युग का तीर्थ
सत्यकाशी क्षेत्र से व्यक्त हुये मुख्य विषय
व्यक्
विषय- सूची
भाग-1: काशी (सत्व)
भाग-2 : जीवनदायिनी सत्यकाशी (तम)
भाग-3 : सत्यकाशी : दृश्य काल के प्रथम और अन्तिम युग का तीर्थ
सत्यकाशी क्षेत्र से व्यक्त हुये मुख्य विषय
व्यक्ति, एक विचार और अरबों रूपये का व्यापार
सत्यकाशी महायोजना
01. चार शंकराचार्य पीठ के उपरान्त 5वाँ और अन्तिम पीठ “सत्यकाशी पीठ”।
02. “सत्यकाशी महोत्सव” व “सत्यकाशी गंगा महोत्सव” आयोजन।
03. सार्वभौम देवी माँ कल्कि देवी मन्दिर-माँ वैष्णों देवी की साकार रूप
04. भोगेश्वर नाथ-13वाँ और अन्तिम ज्योतिर्लिंग
05. सत्यकाशी पंचदर्शन
06. ज्ञान आधारित मनु-मनवन्तर मन्दिर
07. ज्ञान आधारित विश्वात्मा मन्दिर
08. विश्वधर्म मन्दिर-धर्म के व्यावहारिक अनुभव का मन्दिर
09. नाग मन्दिर
10. विश्वशास्त्र मन्दिर (Vishwshastra Temple)
11. एक दिव्य नगर-सत्यकाशी नगर
12. होटल शिवलिंगम्-शिवत्व का एहसास
13. इन्द्रलोक-ओपेन एयर थियेटर
14. हस्तिनापुर-महाभारत का लाइट एण्ड साउण्ड प्रोग्राम
15. सत्य-धर्म-ज्ञान केन्द्र: तारामण्डल की भाँति शो द्वारा कम समय में पूर्ण ज्ञान
16. सत्यकाशी आध्यात्म पार्क
17. वंश नगर-मनु से मानव तक के वंश पर आधारित नगर
18. 8वें सांवर्णि मनु-सम्पूर्ण एकता की मूर्ति (Statue of Complete Unity)
19. विस्मृत भारत रत्न स्मारक (Forgotten Bharat Ratna Memorial)
20. विश्वधर्म उपासना स्थल-उपासना और उपासना स्थल के विश्वमानक (WS-00000) पर आधारित
21. Satyakashi Universal Integration Science University-SUISU
पाँचवें युग-स्वर्णयुग के तीर्थ सत्यकाशी क्षेत्र में प्रवेश का आमंत्रण
सत्यकाशी महायोजना-प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की योजना
धर्म स्थापनार्थ दुष्ट वध और साधुजन का कल्याण कैसे और किसका?
विषय- सूची
भाग-1 : आह्वान
नागरिकों को आह्वान
विचारकों को आह्वान
शिक्षण क्षेत्र से जुड़े आचार्यो को आह्वान
प्रबंध शिक्षा क्षेत्र को आह्वान
शिक्षा पाठ्यक्रम निर्माता को
विषय- सूची
भाग-1 : आह्वान
नागरिकों को आह्वान
विचारकों को आह्वान
शिक्षण क्षेत्र से जुड़े आचार्यो को आह्वान
प्रबंध शिक्षा क्षेत्र को आह्वान
शिक्षा पाठ्यक्रम निर्माता को आह्वान
पत्रकारिता को आह्वान
मानकीकरण संगठन और औद्योगिक जगत को आह्वान
फिल्म निर्माण उद्योग को आह्वान
धर्म क्षेत्र को आह्वान
राजनीतिक दलों को आह्वान
सरकार / शासन को आह्वान
संसद को आह्वान
सर्वोच्च न्यायालय को आह्वान
भाग-2: जनहित याचिका
क्या है जनहित याचिका (PIL-Public Interest Litigation)
जनहित याचिका - 01. पूर्ण शिक्षा का अधिकार
जनहित याचिका - 02. राष्ट्रीय शास्त्र
जनहित याचिका - 03. नागरिक मन निर्माण का मानक
जनहित याचिका - 04. सार्वजनिक प्रमाणित सत्य-सिद्धान्त
जनहित याचिका - 05. गणराज्य का सत्य रूप
भाग-3 : सत्य आमंत्रण
पाँचवें युग - स्वर्णयुग के तीर्थ सत्यकाशी क्षेत्र में प्रवेश का आमंत्रण
पाँचवें युग - स्वर्णयुग में प्रवेश का आमंत्रण
विषय- सूची
भाग-1 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के पूर्व जन्में नेतृत्वकर्ता
01. स्वामी स्वरूपानन्द (2 सितम्बर, 1924 - )
02. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ( 25 दिसम्बर, 1926 - )
03. श्री लाल क
विषय- सूची
भाग-1 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के पूर्व जन्में नेतृत्वकर्ता
01. स्वामी स्वरूपानन्द (2 सितम्बर, 1924 - )
02. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ( 25 दिसम्बर, 1926 - )
03. श्री लाल कृष्ण आडवाणी (8 नवम्बर, 1927 - )
04. डा0 कर्ण सिंह (9 मार्च, 1931 - )
05. श्री वी.एस.नायपाल (17 अगस्त, 1932 - )
06. श्री मुरली मनोहर जोशी (5 जनवरी, 1934 - )
07. श्री केशरी नाथ त्रिपाठी (10 नवम्बर, 1934 - )
08. श्री हामिद अंसारी (1 अप्रैल, 1934 - )
09. श्रीमती प्रतिभा पाटिल (19 दिसम्बर, 1934 - )
10. श्री राम नाइक (16 अप्रैल 1934 - )
11. दलाई लामा (6 जुलाई, 1935 - )
12. स्वामी जयेन्द्र सरस्वती (18 जुलाई, 1935 - )
13. श्री प्रणव मुखर्जी (11 दिसम्बर 1935 - )
14. श्री बी.एल.जोशी (27 मार्च, 1936 - )
15. श्री गिरधर मालवीय (14 नवम्बर 1936 - )
16. श्री कौफी अन्नान (8 अप्रैल, 1938 - )
17. श्रीमती शीला दीक्षित (31 मार्च, 1938 - )
18. श्री अन्ना हजारे (15 जनवरी, 1940 - )
19. श्री सैम पित्रोदा (4 मई 1942 - )
20. श्री यदुनाथ सिंह (6 जुलाई, 1945 - )
21. श्रीमती सोनिया गाँधी (9 दिसम्बर 1946 - )
22. श्री बिल क्लिन्टन (19 अगस्त, 1946 - )
भाग-2 : भारत के स्वतन्त्रता (सन् 1947 ई0) के बाद जन्में नेतृत्वकर्ता
01. भारतीय संविधान
02. भारतीय संसद
03. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय
04. भारतीय शिक्षा प्रणाली
05. भारतीय विपणन प्रणाली
06. भारतीय मीडिया (चौथा स्तम्भ - पत्रकारिता)
07. सहस्त्राब्दि विश्व शान्ति सम्मेलन
08. श्री फर्दिनो इनासियो रिबेलो (31 जुलाई 1949 - )
09. श्री नरेन्द्र मोदी (17 सितम्बर 1950 - )
10. श्री राज नाथ सिंह
11. श्री बराक ओबामा
12. बाबा रामदेव
13. अमर उजाला फाउण्डेशन प्रस्तुति “संवाद”
विषय- सूची
श्री रामकृष्ण “परमहंस“ (18 फरवरी, 1836 - 16 अगस्त 1886)
श्रीमाँ शारदा देवी (22 दिसम्बर 1853 - 29 जुलाई 1920)
स्वामी विवेकानन्द (12 जनवरी, 1863 - 4 जुलाई, 1902) - राम कृष्ण मिशन
भाग-1 : स्वामी व
विषय- सूची
श्री रामकृष्ण “परमहंस“ (18 फरवरी, 1836 - 16 अगस्त 1886)
श्रीमाँ शारदा देवी (22 दिसम्बर 1853 - 29 जुलाई 1920)
स्वामी विवेकानन्द (12 जनवरी, 1863 - 4 जुलाई, 1902) - राम कृष्ण मिशन
भाग-1 : स्वामी विवेकानन्द की दृष्टि में
(साभार - राम कृष्ण मिशन प्रकाशन)
01. धर्म-विज्ञान
02. योग क्या है?
03. ज्ञान योग
04. राजयोग
05. भक्ति योग
06. प्रेम योग
07. कर्मयोग
08. वेद
09. वेदान्त
10. ईश्वर
11. गुरु, शिष्य, अवतार और मन्त्र
12. मरणोत्तर जीवन
13. विज्ञान और आध्यात्मिकता
14. प्राच्य और पाश्चात्य
15. जाति, संस्कृति और समाजवाद
16. समाज नीति
17. भारत का ऐतिहासिक क्रम विकास और अन्य प्रबन्ध
18. संग, सान्निध्य
19. पत्रावली
20. समर नीति
21. समन्वयाचार्य श्री रामकृष्ण ”परमहंस“
भाग-2 : स्वामी विवेकानन्द और कल्कि अवतार
काल और पुनर्जन्म मार्ग के अनुसार
नाड़ी ताड़ पत्ते (Nadi Palm Leaves) के अनुसार
विश्वधर्म के सम्बन्ध में व्यक्त विचार
विषय- सूची
भाग-1: धर्म शास्त्र कथन
सनातन / हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
अ. वेद व पुराण के अनुसार
ब. महर्षिदयानन्द के अनुसार
स. पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य के अनु
विषय- सूची
भाग-1: धर्म शास्त्र कथन
सनातन / हिन्दू शास्त्र व मान्यता के अनुसार
अ. वेद व पुराण के अनुसार
ब. महर्षिदयानन्द के अनुसार
स. पं0 श्रीराम शर्मा आचार्य के अनुसार
द. नाड़ी ताड़ पत्ते (Nadi Palm Leaves) के अनुसार
य. अन्य के अनुसार
बौद्ध धर्म के अनुसार
यहूदी शास्त्र के अनुसार
ईसाई शास्त्र के अनुसार
इस्लाम शास्त्र के अनुसार
सिक्ख धर्म के अनुसार
मायां कैलण्डर के अनुसार
भाग-2 : भविष्यवक्ता कथन
प्रसिद्ध भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस के अनुसार
ज्योतिषि श्री बेजन दारूवाला के अनुसार
पुस्तक- ”अमर भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”विश्व की आश्चर्यजनक भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
पुस्तक- ”दुर्लभ भविष्यवाणियाँ“ के अनुसार
अन्य भविष्यवक्ताओं के अनुसार
भाग-4 : मनु और कल्कि अवतार
मनु और मनवन्तर
कल्कि अवतार
कल्कि अवतार, महाअवतार क्यों?
भाग-5 : आत्मा और विश्वात्मा
सांख्य दर्शन
धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
आत्मा और विश्वात्मा
रज मन
तम मन
सत्व मन
अ. निवृत्ति मार्गी
ब. प्रवृत्ति मार्गी
अवतारी मन
विकासवाद और अवतारवाद
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1 : सत्य- व्याख्या
पुस्तक का मुख-पृष्ठ : श्याम (काला)-श्वेत (सफेद) क्यों?
व्यवस्था के परिवर्तन या सत्यीकरण का पहला प्रारूप और उसक
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1 : सत्य- व्याख्या
पुस्तक का मुख-पृष्ठ : श्याम (काला)-श्वेत (सफेद) क्यों?
व्यवस्था के परिवर्तन या सत्यीकरण का पहला प्रारूप और उसकी कार्य विधि
शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी
शिक्षण विधि और आशीर्वाद
मानव और पूर्ण मानव
भारतीय शास्त्रों की एक वाक्य में शिक्षा
शास्त्रार्थ, शास्त्र पर होता है, शास्त्राकार से और पर नहीं
ईश्वर, अवतार और मानव की शक्ति सीमा
मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा
भाग-2 : सत्य-अर्थ
01. सम्बन्ध का सत्य आधार
02. सिर्फ ज्ञानी होना कालानुसार अयोग्यता ही नही सृष्टि में बाधक भी
03. निर्माण के मार्ग और पूर्वी तथा पश्चिमी देशों के स्वभाव
04. मैं भविष्य या तू भूत? और वर्तमान का सत्य अर्थ
05. आस्था या मूर्खता ? और आस्था का सत्य अर्थ
06. ”निर्माण और उत्पादन“ भावना की उपयोगिता
07. विद्रोही या सार्वजनिक प्रमाणित कृष्णकला समाहित विश्वमानव कला
08. भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ को आह्वान
09. ईश्वर, देवता और विज्ञान
10. पहले संविधान या मनुष्य?
11. नया, पुराना और वर्तमान
12. मुझे (आत्मा) को प्राप्त करने का मार्ग
13. प्राथमिकता किसकी- चरित्र की या सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त की?
14. व्यक्त होने का कारण और व्यक्त होने में कष्ट
15. कालजयी, जीवन और व्यर्थ साहित्य
16. भाग्य और कर्म
17. सफलता की सरल और कालानुसार विधि
18. ध्यान अभ्यास की कालानुसार विधि
19. अवतार, महापुरूष और साधारण मानव
20. मनुष्य जीवन के प्रकार
21. गुरू के प्रकार
22. व्यक्तिवाद और मानवतावाद
23. विश्वरूप एवं दिव्यरूप
24. ऋषि और ऋषि परम्परा
25. ”बहुत पहुँचे हुये हैं“, ”दर्शन“ और ”आशीर्वाद“
26. जीवन जीने की विधि
27. आशीर्वाद
28. इच्छा और आकड़ा
भाग-3 : सत्य-मार्गदर्शन
विषय- सूची
अवतार
ईश्वर या काल चक्र
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
सुखसागर के अनुसार भगवान विष्णु चौबीस अवतार
भाग-1: पहलायुगः सत्ययुग
अ.
विषय- सूची
अवतार
ईश्वर या काल चक्र
सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
सुखसागर के अनुसार भगवान विष्णु चौबीस अवतार
भाग-1: पहलायुगः सत्ययुग
अ. व्यक्तिगत प्रमाणित पूर्ण प्रत्यक्ष अवतार
01. प्रथम अवतार : मत्स्य अवतार
02. द्वितीय अवतार : कूर्म / कच्छपावतार
03. तृतीय अवतार : बाराह अवतार
04. चतुर्थ अवतार : नृसिंह अवतार
05. पाँचवाँ अवतार : वामन अवतार
ब. सार्वजनिक प्रमाणित अंश प्रत्यक्ष अवतार
06. छठा अवतार : परशुराम अवतार
भाग-2: दूसरायुगः त्रेतायुग
स. सार्वजनिक प्रमाणित पूर्ण प्रत्यक्ष अवतार
07. सातवाँ अवतार : श्रीराम अवतार-रामायण (मानक व्यक्ति चरित्र)
भाग-3: तीसरायुगः द्वापरयुग
द. व्यक्तिगत प्रमाणित पूर्ण प्रेरक अवतार
08. आठवाँ अवतार : श्रीकृष्ण अवतार-महाभारत (मानक सामाजिक व्यक्ति चरित्र)
भाग-4: चौथायुगः कलियुग
य. सार्वजनिक प्रमाणित अंश प्रेरक अवतार
09. नौवाँ अवतार : बुद्ध अवतार
भाग-5: पाँचवाँयुग: स्वर्णयुग/सत्ययुग
र. सार्वजनिक प्रमाणित पूर्ण प्रेरक अवतार
10. दसवाँ और अन्तिम कल्कि अवतार - विश्वभारत (मानक वैश्विक व्यक्ति चरित्र)
ACTION PLAN
20. स्वामी विवेकानन्द और कल्कि अवतार
21. बुड्ढा कृष्ण - कृष्ण का भाग दो और अन्तिम
22. काशी - मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी
23. सत्यकाशी - स्वर्णयुग का तीर्थ
24. गणराज्य, संघ और मान
ACTION PLAN
20. स्वामी विवेकानन्द और कल्कि अवतार
21. बुड्ढा कृष्ण - कृष्ण का भाग दो और अन्तिम
22. काशी - मोक्षदायिनी और जीवनदायिनी
23. सत्यकाशी - स्वर्णयुग का तीर्थ
24. गणराज्य, संघ और मानकीकरण संगठन
25. मन का विश्वमानक और पूर्ण मानव निर्माण की तकनीकी (WCM-TLM-SHYAM.C)
28. विश्वमानव-वार्ता, वक्तव्य एवं वाणियाँ
29. विश्वमानव-पत्रावली एवं प्रसारण
30. विश्व शान्ति - अन्तिम सत्य दृष्टि
31. व्यापार केन्द्र (TRADE CENTRE)-दृश्य सत्य
32. पुनर्निर्माण (RENEW)-समस्या, समाधान और राष्ट्र निर्माण की योजना
33. सत्य जनहित आह्वान
34. वसुधैव - कुटुम्बकम्
35. मैं, व्यक्तिगत या सार्वभौम
36. सार्वभौम एकात्म - नव विश्व निर्माण
37. लव कुश सिंह (कल्कि महाअवतार)-जीवन, ज्ञान, कर्म और विश्वरूप
38. स्वर्णयुग का मानक आदर्श नागरिक - दिशा निर्देश
39. कर्मवेद : प्रथम अन्तिम तथा पंचम वेद
40. विश्वधर्म : परिचय (स्वर्णयुग का धर्म)
41. मानक विपणन प्रणाली (3F-FUEL-FIRE-FUEL)
42. कल्कि महावतार आ चुके हैं (ACTION PLAN)
43. आठवें अवतार श्रीकृष्ण के अनकहे संदेश
44. अयोध्या नहीं, मुंगेर है राम जन्मभूमि
45. संत एवं गुरू और विश्व संत एवं गुरू
46. समाज और ईश्वरीय समाज
47. सत्य शास्त्र और विश्वशास्त्र
48. कृति और विश्व कृति
49. भारत माता मन्दिर और विश्वधर्म मन्दिर
50. मनु, मनवन्तर और कल्कि महावतार
51. ऋषि, ऋषि परम्परा और कल्कि महावतार
52. व्यास, शास्त्र और कल्कि महावतार
53. महाभारत और विश्वभारत
54. लव कुश (त्रेतायुग) और लवकुश (कलियुग)
55. देवीयाँ और सार्वभौम देवी माँ कल्कि
56. द्वादश ज्योतिर्लिंग और 13वां अन्तिम ज्योतिर्लिंग
विषय- सूची
फिल्म स्क्रिप्ट से परदे तक
आप कौन-सी फिल्में देखेंगे?
फिल्म निर्माण उद्योग को आह्वान
भाग-1
फिल्म एवं टी0 वी. सिरियल
राइटिंग (लेखन) - कथा बनाम पटकथा &nb
विषय- सूची
फिल्म स्क्रिप्ट से परदे तक
आप कौन-सी फिल्में देखेंगे?
फिल्म निर्माण उद्योग को आह्वान
भाग-1
फिल्म एवं टी0 वी. सिरियल
राइटिंग (लेखन) - कथा बनाम पटकथा
पटकथा कैसे लिखें
विषय- सूची
भाग-1: शास्त्र
लेखक /शास्त्राकार
शास्त्र
महर्षि वेदव्यास
लेखकों /शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक&rdqu
विषय- सूची
भाग-1: शास्त्र
लेखक /शास्त्राकार
शास्त्र
महर्षि वेदव्यास
लेखकों /शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक”का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
युगानुसार धर्म, प्रवर्तक और धर्मशास्त्र
व्यष्टि और समष्टि धर्मशास्त्र
शास्त्रार्थ, शास्त्र पर होता है, शास्त्राकार से और पर नहीं
भाग-2: पुराणः धर्म, धर्मनिरपेक्ष एवम् यथार्थ अनुभव की अन्तिम सत्य दृष्टि
पुराणों की सत्य दृष्टि
ब्रह्मा अर्थात् एकात्मज्ञान परिवार
विष्णु अर्थात एकात्म ज्ञान सहित एकात्म कर्म परिवार
शिव-शंकर अर्थात एकात्म ज्ञान और एकात्म कर्म सहित एकात्म ध्यान परिवार
श्रीमदभवद्गीता की शक्ति सीमा तथा कर्मवेद: पंचमवेद समाहित विश्वशास्त्र के प्रारम्भ का आधार
कालभैरव कथा: यथार्थ दृष्टि
भाग-3: मानक चरित्र
शिव और जीव
मानव और पूर्ण मानव
पौराणिक देवी-देवता: मनुष्य समाज के विभिन्न पदों के मानक चरित्र
भारतीय शास्त्रों की एक वाक्य में शिक्षा
विषय- सूची
भाग-1: धर्म प्रवर्तक और उनका धर्म चक्र
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
01. वैदिक धर्म-ऋषि-मुनि गण-ईसापूर्व 6000-2500
सत्ययुग के धर्म
02. ब
विषय- सूची
भाग-1: धर्म प्रवर्तक और उनका धर्म चक्र
धर्म ज्ञान का प्रारम्भ
01. वैदिक धर्म-ऋषि-मुनि गण-ईसापूर्व 6000-2500
सत्ययुग के धर्म
02. ब्राह्मण धर्म-ब्राह्मण गण-ईसापूर्व 6000-2500
त्रेतायुग के धर्म
03. वैदिक धर्म-श्रीराम-ईसापूर्व 6000-2500
द्वापरयुग के धर्म
04. वेदान्त अद्वैत धर्म-श्रीकृष्ण-ईसापूर्व 3000
कलियुग के धर्म
05. यहूदी धर्म,
06 .पारसी धर्म-जरथ्रुस्ट-ईसापूर्व 1700
07. बौद्ध धर्म-भगवान बुद्ध-ईसापूर्व 1567-487
08. कन्फ्यूसी धर्म-कन्फ्यूसियश-ईसापूर्व 551-479
09. टोईज्म धर्म-लोओत्से-ईसापूर्व 604-518
10. जैन धर्म-भगवान महावीर-ईसापूर्व 539-467
11. ईसाइ धर्म-ईसा मसीह-सन् 33 ई0
12. इस्लाम धर्म-मुहम्मद पैगम्बर-सन् 670 ई0
13. सिक्ख धर्म-गुरु नानक-सन् 1510 ई0
धर्म ज्ञान का अन्त
स्वर्णयुग धर्म
14.विश्व/सत्य/धर्मनिरपेक्ष/लोकतन्त्र धर्म-लव कुश सिंह ”विश्वमानव“-सन् 2012 ई0
भाग-2: धर्म
01. धर्म का अर्थ, धर्म और रिलिजन
02. धर्म की परिभाषा, तत्व चिंतन और आवश्यकता
03. धर्म एवं दर्शन, धर्मदर्शन, विज्ञान, नैतिकता
04. धर्म में वस्तु तत्व एवं प्रतीक
05. धर्मसमभाव की अवधारणा और विश्वधर्म का आधार
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: ईश्वर, अवतार और पुनर्जन्म
01. ईश्वर, ईश्वर का संक्षिप्त इतिहास और ईश्वर के अवतार
02. पुनर्जन्म और अवतार
03. ब्रह्मा क
विषय- सूची
प्रारम्भ के पहले दिव्य-दृष्टि
भाग-1: ईश्वर, अवतार और पुनर्जन्म
01. ईश्वर, ईश्वर का संक्षिप्त इतिहास और ईश्वर के अवतार
02. पुनर्जन्म और अवतार
03. ब्रह्मा के अवतार
04. विष्णु के अवतार
05. शंकर के अवतार
भाग-2: सत्यीकरण का आधार
01. विश्वात्मा/विश्वमन का विखण्डन व संलयन
अ. सांख्य दर्शन
ब. धर्म विज्ञान (स्वामी विवेकानन्द)
स. आत्मा और विश्वात्मा
1. रज मन
2. तम मन
3. सत्व मन
क. निवृत्ति मार्गी
ख. प्रवृत्ति मार्गी
4. अवतारी मन
द. विकासवाद
य. अवतारवाद
02. ईश्वर या काल चक्र
03. सार्वभौम सत्य-सिद्धान्त के अनुसार काल, युग बोध एवं अवतार
04. कल्कि अवतार-महाअवतार क्यों?
05. काल और युग परिवर्तक कल्कि महाअवतार एवं अन्य स्वघोषित कल्कि अवतार
06. कल्कि अवतार और लव कुश सिंह“विश्वमानव”
07. अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह“विश्वमानव” का मानवों के नाम खुला चुनौती पत्र
08. अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार का काशी-सत्यकाशी क्षेत्र से विश्व शान्ति का अन्तिम सत्य-सन्देश
09. ईश्वर, अवतार और मानव की शक्ति सीमा
10. शास्त्रार्थ, शास्त्र पर होता है, शास्त्राकार से और पर नहीं
आध्यात्मिक एवं दार्शनिक विरासत के आधार पर ”एक भारत - श्रेष्ठ भारत“, ”एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व“, ”नया मानव - पूर्ण मानव“ तथा ”नया मानव - नया भारत - नया विश्व” निर्माण का अ
आध्यात्मिक एवं दार्शनिक विरासत के आधार पर ”एक भारत - श्रेष्ठ भारत“, ”एक विश्व - श्रेष्ठ विश्व“, ”नया मानव - पूर्ण मानव“ तथा ”नया मानव - नया भारत - नया विश्व” निर्माण का अन्तिम प्रारूप जो ”विश्वशास्त्र - द नाॅलेज आॅफ फाइनल नाॅलेज“ का अंश है। व्यक्ति और शासन के संयुक्त रूप से सत्यीकरण के लिए अन्तिम रूप से प्रकाशित है।
The Vishwshastra: The knowledge of the final knowledge, including the world religion, secular religion karmaveda: the first, final and fifth veda and World Standard (WS) of mind series by Lava Kush Singh “Vishwmanav” for the realization and uplifting of Kaliyug to Swarnyug. Like the uplifting of Tretayug to Dwaparyug Ramayan by Valmiki was to enlighten the human society, uplifting of Dwaparyug to Kaliyug Mahabharat by Maharshi Vyas was to enlighten the hum
The Vishwshastra: The knowledge of the final knowledge, including the world religion, secular religion karmaveda: the first, final and fifth veda and World Standard (WS) of mind series by Lava Kush Singh “Vishwmanav” for the realization and uplifting of Kaliyug to Swarnyug. Like the uplifting of Tretayug to Dwaparyug Ramayan by Valmiki was to enlighten the human society, uplifting of Dwaparyug to Kaliyug Mahabharat by Maharshi Vyas was to enlighten the human society.
You may easily call Vishwshastra literature by other names like Dharm or Satya or Final or Rashtriya Dharma Shastra or Secular National Religion. It say’s all noble work and noble thoughts come to us from every side.
The book Mein Satyakashi se Kalki Mahavatar Bol Raha Hun is a summarized part of the book Vishwshastra: the knowledge of final knowledge for centralization-realization of civilian and governing mind. This book is the first and final blue print of Rashtra Nirman i.e. Build India based on spiritual and philosophical heritage truth. In other words, building “One India – Super India”, “One world – Super World” and “New India – New World”.
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