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Shabda-Setu / शब्द-सेतु

Author Name: Vinay Kumar Singhal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

गगन के वितान से भी विशाल कल्पना-लोक होता है किसी भी कवि का। बस किसी भी कविता की श्रेष्ठता उसकी मौलिकता में छिपी होती है। प्रत्येक कवि की रचना अपने आप में एक विशेष लालित्य लिये होती है। प्रत्येक कवि के निजी विचार और उन विचारों को अभिव्यक्त करने की शैली प्रत्येक कवि को अन्य कवियों से भिन्न पहचान देती है। लाखों कविताएँ नित्य जन्म लेती हैं और अनन्त काल तक जन्म लेती रहेंगी। कवि को अपनी आलोचना से विचलित नहीं होना चाहिए, आलोचना से उसकी कविता उत्तरोत्तर समृद्ध होती जाती है। यह भिन्न बात है कि आलोचक के पास आलोचना करने की पात्रता हो। मेरी कविताएँ मेरे स्वभाव, चरित्र का श्रेष्ठ दर्पण हैं। कविता का मूल्यांकन तो पाठक ही करता है। अतः सभी गुणी पाठकों से मेरा विनम्र निवेदन है कि मेरी रचनाओं को प्रत्येक पूर्वाग्रह अथवा दुराग्रह से मुक्त हो कर पढ़ें और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया दें।
साहित्य धरा प्रकाशन के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ जिनके सहयोग से यह काव्य-संकलन प्रकाशित हो सका। 

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विनय कुमार सिंघल

नामः डॉ.विनय कुमार सिंघल
जन्म-तिथि व स्थानः ११ जुलाई, १९४९ (श्रावण का प्रथम सोमवार),
बाजार सीता राम, पुरानी दिल्ली- ११० ००६ ।
माता का नामः स्व.श्रीमती प्रकाश वती
पिता का नामः स्व. लाला प्रेम प्रकाश सिंघल
शैक्षणिक योग्यताः स्नातकोत्तर अध्ययन—गणित,अँग्रेज़ी, हिन्दी, विधि, पत्रकारिता, ज्योतिष
रुचिएँः पठन-पाठन, हस्त-रेखा अध्ययन, संगीत, साहित्य, कलाकृतियाँ, छायांकन
लेखनः हिन्दी, अँग्रेज़ी व उर्दू भाषाओं में काव्य की प्रत्येक विधा में रचना, लेख, निबन्ध, कहानियाँ, उपन्यास, अनुवाद, सम्पादन, मंच-संचालन, संगीत व साहित्य गोष्ठियों का आयोजन-संचालन आदि

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