प्रस्तुत पुस्तक "श्रृँगार सरिता" को आप सबके समक्ष प्रस्तुत करते हुए मन में अपार हर्ष की अनुभूति हो रही है।
समानता-असमानता,अमीरी-गरीबी सांसारिक जीवन और समय चक्र की प्रदत्त ईश्वरीय गतिविधियाँ हैं। ऐसे में कवि हृदय की व्यग्रता और विकलता का कविता की पंक्तियों में श्रृजित या क्रमबद्ध होना स्वाभाविक है