वैसे देखा जाए तो हरएक कविता का एक मर्म होता है। कितने शब्द इसे भी होते है जो मन को स्पर्श कर जाते है। "स्पंदन" पुस्तक के अंदर भी मैंने मेरे मन के भावों को कविता के स्वरूप में रजू किया है। मेरे हृदय में जिस प्रकार के विचार और भावनाएं है उसी को मैंने मेरे इस पुस्तक के हरएक पन्ने पर उतारा है।
मैंने हरएक कविता अलग अलग विषय पे बनाई है। शायद कही पर मेरे विचार गलत हो तो मुझे माफ करना। मैंने मेरी कविताओं को सुंदर बनाने के लिए बहुत सारे कवियों की रचनाओं को ध्यान में लिया है। इन सारे कवियों का मैं दिल से शुक्रिया व्यक्त करना चाहती हूं।