मूलतः सच की असली अदा कविता ही है और इसके कारण ही कवि और कविता का अस्तित्व है। मानवता के लिए समर्पण भावों को जगाना सही और आवश्यक भी है। चाटुकारिता के अंधकार में सत्य छिप जाता है लेकिन सुधि की लौ में सदैव सम्मुख होता है,प्रकट होता है। काव्य संग्रह ‘सुधि की लौ’ में रचनाकार ने अपनी विशेष शैली में प्रत्येक पंक्ति में अपने अनुभव के प्रकाश में एक पूर्ण सत्य प्रकट करने का प्रयास किया है।