इस किताब में पल-पल बदलते रिश्तो को उजागर किया गया है। इसमें केवल मन बहलाने के लिए लिखी गई पंक्तियां नहीं है बल्कि आसपास के अवलोकन एवं पूर्णतः भावनात्मक रूप से की गई रचनाएं हैं
मैने अपने हिसाब से स्त्री की स्थिति एवं पुरुषों की भावनाओं को भी लिखने का प्रयत्न किया है।
माता-पिता, बेटा-बेटी, प्रेमी-प्रेमिका एवं दोस्त सभी के रिश्तो के बारे में मैंने अपनी अनुभूति एवं भावनाएं व्यक्त की है।
इसके अलावा जो मैं अपने आसपास दिखती आ रही हूं उन स्थतियों का भी जिक्र मेरे द्वारा इस किताब में किया गया है।
मैंने अपनी कुछ भावना 'जो मैं शायद ही कभी किसी के सामने व्यक्त कर पाती' एवं कुछ सामाजिक स्थितियों को भी लिखने का प्रयत्न किया है।