तीसरे संस्करण के बारे में दो शब्द
सुकेत रियासत के विद्रोह को लगातार पाठकों का सहयोग मिल रहा है। जितनी आशा थी उससे कहीं ज्यादा प्यार इस पुस्तक को मिला। 2021 सितंबर में इसका पहला संस्करण प्रकाशित हुआ था। अब जनवरी 2024 में इसका तीसरा संस्करण प्रकाशित करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है।
हिमचाल प्रदेश के संक्षिप्त इतिहास नामक लेख में कुछ जानकारी और जोड़ी गयी है। जल्द ही हिमाचल के इतिहास पर किये गये अध्ययन को पाठकों के सामने विस्तृत रुप से रखने की योजना है।
इस पुस्तिका को खास बनाते हैं तुलसी राम गुप्ता के लेख जोकि सुकेत रियासत में हुए अंतिम विद्रोह के दौरान बालक थे और उनके पिता दिला राम महाजन सुकेत रियासत की करसोग तहसील के रियासती प्रजामंडल संगठन के अध्यक्ष थे। उनको कई बार राजा के गुस्से का शिकार होना पड़ा। तुलसी राम गुप्ता ने अपने पिता जी से सुन-सुन कर अपनी डायरी में कई बाते नोट की थी जो कि प्रजा मंडल आंदोलन के बारे में जानकारी का प्रथम स्रोत है। जब हम उनके पास प्रजा मंडल आंदोलन पर चर्चा करने गये तो उन्होंने चर्चा के बाद पहली बार में ही उन्होंने हमें अपनी पांडुलिपी सौंप दी, और यह भी दुख व्यक्त किया कि कई पत्रकार उनके लेख ले गये और अपने नाम से छपवा लिए।
पुस्तिका में सुकेत के प्राचीन इतिहास से लेकर भारत में विलय और भूमि सुधारों तक काल की घटनाओं को समेटने की कोशिश की गई है।
गगनदीप सिंह
करसोग
जनवरी 2024