यह पुस्तक लेखक के संघ-स्वयंसेवक से सेकुलर मानववादी बनने के बारे में है। इस पुस्तक में पाठक को एक तरफ जहाँ आरएसएस (RSS) की प्रामाणिक जानकारी मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ, हयूमनिज़्म की विचारधारा की विशेषताओं से परिचित होने का मौका मिलेगा। यूं तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानववाद एक लोकप्रिय आधुनिक विचार है, लेकिन भारत में अभी भी इसके बारे में ज़्यादातर लोगों को कुछ खास पता नहीं है। अभी भी हिंदी भाषा में इसके बारे में कोई विश्वसनीय साहित्य उपलब्ध नहीं है। यह पुस्तक इस कमी को पूरा करती है। इसमें मानववाद के केन्द्रीय विषयों जैसे यही एकमात्र जिंदगी, नैतिकता, खुशी, जीवन का अर्थ,मानव-गरिमा, मृत्यु की सच्चाई आदि की विस्तृत चर्चा की गई है। पाठक इस पुस्तक के अध्ययन से जीवन के प्रति अपनी समझ को और बेहतर बना सकते हैं।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners