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Swayamsevak Se Manavavadi / स्वयंसेवक से मानववादी एक आर.एस.एस. स्वयंसेवक का मानववादी बनने का सफर

Author Name: Manoj Malik | Format: Paperback | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

यह पुस्तक लेखक के संघ-स्वयंसेवक से सेकुलर मानववादी बनने के बारे में है। इस पुस्तक में पाठक को एक तरफ जहाँ आरएसएस (RSS) की प्रामाणिक जानकारी मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ, हयूमनिज़्म की विचारधारा  की विशेषताओं से परिचित होने का मौका मिलेगा।  यूं तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानववाद एक लोकप्रिय आधुनिक विचार है, लेकिन भारत में अभी भी इसके बारे में ज़्यादातर लोगों को कुछ खास पता नहीं है। अभी भी हिंदी भाषा में इसके बारे में कोई  विश्वसनीय साहित्य उपलब्ध नहीं है। यह पुस्तक इस कमी को पूरा करती है। इसमें मानववाद के केन्द्रीय विषयों जैसे यही एकमात्र जिंदगी, नैतिकता, खुशी, जीवन का अर्थ,मानव-गरिमा, मृत्यु की सच्चाई आदि की विस्तृत चर्चा की गई है। पाठक इस पुस्तक के अध्ययन से जीवन के प्रति अपनी समझ को और बेहतर बना सकते हैं। 

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मनोज मलिक

इस पुस्तक के लेखक श्री मनोज मलिक चंडीगढ़ शहर में एक सरकारी अध्यापक (M.A.,B.Ed.) हैं। आपका बचपन पानीपत शहर में बीता। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बी. एड. और इतिहास विषय में एम. ए. की। आप लगभग 30 वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक के साथ जुड़े रहे। जिला स्तर के विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया। अपने अध्ययन के फलस्वरूप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से मोहभंग हुआ और अंततः एक सेकुलर मानववादी (Humanist) बन गए। आजकल आप "चंडीगढ़ हयूमनिस्ट एंड फ्री थिंकर्स" के सचिव के नाते काम रहे हैं और उत्तर भारत के क्षेत्र में मानववाद के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं।  

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