दो शब्द
हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं कि किताबें हमें जिंदगी का रास्ता दिखाती हैं, ये सच्चाई भी है मैंने अपनी साहित्य यात्रा भी साहित्य के सबसे बड़े पुरोधा मुंशी प्रेम चंद जी के उपन्यास (वरदान) को पढ़ कर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली और प्रेम विषय को समझने की कोशिश में लग गया। जब मैं अपने मन में अवरुद्ध अनुभव कर रहा था तो केवल मेरी रुचि गीतों, ग़ज़लों की तरफ बढ़ गई। पहले भी कई मसौदों को पढ़ा था– उन सबमें उन्हें उन नायकों ने प्रेम रूप प्रस्तुत किया जो वे मेरे लिए एक पर्याय बन चुके हैं, और, निश्चय ही जिन आत्मानुभूति के लिए लेखनी चलाई उससे सहायता और प्रेरणा भी दी।
इस पुस्तक में मुख्य बिंदु प्रेम है, आपको इस पुस्तक में श्रृंगार युक्त रचनाएं प्रेम, विरह गीत और मुक्तक पढ़ने को मिलेगा आशा है आप सभी पाठकों को पढ़ते समय अपने प्रेमी की याद अनायास आ जायेगी।
और आप एक अलग अनुभव और आनंद की अनुभूति होगी।
धन्यवाद!
अभिषेक मिश्रा
दिनांक : 01.05.2022