यह किताब बेहद पुरानी और अनमोल आध्यात्मिक कविताओं का संग्रह है। जिसे बुद्ध और महावीर के उपदेश की प्राचीन भाषा मगही में लिखी गई है। जो मौर्यकाल के स्वर्णिम इतिहास की भाषा है।
इस किताब में मूल मगही कविताएँ और उसका हिंदी अनुवाद दिया गया है।
मेरे लिए गौरव की बात है कि कवित्री स्वर्गीय श्रीमती श्याम प्यारी कुँवर मेरी नानी थीं। यह मेरा सौभाग्य है कि दो पीढ़ियों के बाद मुझे इसका अनुवाद करने का अवसर मिला।
कृपया इसे पढ़े और अपने अनमोल विचार ज़रूर बाटें और यादों का ख़ज़ाना हो तब ज़रूर बताएँ। आपके रिव्यु का स्वागत है।
रेखा
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