Share this book with your friends

Vishuddh Anubhutiyan / विशुद्ध अनुभूतियाँ प्रथम भाग

Author Name: Tarun Pradhaan | Format: Paperback | Genre : Letters & Essays | Other Details

पुस्तक के विषय में

विशुद्ध अनुभूतियाँ पुस्तक के कुल चार में प्रथम भाग प्रस्तुत है। इसमें क्रमानुसार लेखक के ब्लॉग के लेख सम्मिलित हैं। लेख आध्यात्मिक विषयों जैसे आत्म, चेतना, चित्त, संसार, अहंकार और शरीर की मूलभूत अवधारणाओं  पर हैं। कई अभ्यास एवं  आत्म निरीक्षण भी सम्मिलित हैं।

लेखक को अनेक शिक्षकों से लाभ मिला है, उनकी शिक्षाओं के लिए उनका आभार व्यक्त है। उन्हीं शिक्षाओं को अधिक आधुनिक और सुलभ रूप में व्यक्त करने का यह लेखक का विनम्र प्रयास है। लेख ज्ञानमार्गी के लिए अत्यंत व्यावहारिक महत्व के हैं अतः अवश्य लाभदायी होंगे। 

Read More...

Ratings & Reviews

0 out of 5 (0 ratings) | Write a review
Write your review for this book
Sorry we are currently not available in your region.

Also Available On

तरुण प्रधान

लेखक तरुण प्रधान जी, शंकराचार्य जी की अद्वैत परंपरा के एक आध्यात्मिक गुरु हैं, जो वर्तमान में पुणे के तम्हिनी घाट क्षेत्र में प्रवास करते हैं। बाल्यकाल से ही आप अध्यात्म की ओर प्रेरित रहे और बाद में शास्त्रों के गूढ़ ज्ञान को आत्मसात कर, उसके प्रबल शोधकर्ता रहे हैं। आपने इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में स्नातकोत्तर शिक्षा से अर्जित वैज्ञानिक तकनीकों का भरपूर और अभूतपूर्व उपयोग कर, इस दुर्लभ ज्ञान को एक व्यवस्थित और सरल पद्धति द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में साधकों को, ज्ञानदीक्षा और त्रिज्ञान (आत्म - माया - ब्रह्म ज्ञान ) कार्यक्रमों के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध करवाया है। तंत्र बोधि एवं अनुज्ञान इसी दिशा में नवीनतम संकलन के रूप में सम्मिलित किए गए हैं।
साधकों की सहायता के लिए हिंदी और अंग्रेजी में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन श्री तरुण जी द्वारा किया जाता है, जिनमें खोजी जिज्ञासुओं के आध्यात्मिक प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान किया जाता है। आपके द्वारा सभी आध्यात्मिक कार्यक्रमों तथा पाठ्यक्रमों में उच्च स्तरीय शोध कार्य भी निरंतर चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष ऑफलाइन सत्संग कार्यक्रमों का आयोजन भी उनके द्वारा हो रहा है। बैंगलोर, पुणे, दिल्ली, मुंबई, रायपुर एवं मेरठ आदि स्थानों पर। दृढ़ संकल्प शक्ति, पूर्ण समर्पण और स्वीकार भाव से इस निःशुल्क ज्ञान प्रसार में निष्ठापूर्ण तरीके से आप अपने जीवन-लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।

Read More...

Achievements

+6 more
View All

Similar Books See More