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Vishuddh Anubhutiyan - Tritiya evam Chaturth Bhag / विशुद्ध अनुभूतियाँ - तृतीय एवं चतुर्थ भाग

Author Name: Tarun Pradhaan | Format: Paperback | Genre : Letters & Essays | Other Details

शुद्ध अनुभूतियाँ तृतीय एवं चतुर्थ भाग आपके समक्ष प्रस्तुत है। 
तृतीय भाग में मुख्यतः सुख एवं मुक्ति, बिना क्रियाओं के कार्य करना -सेवा, क्षमा, दान, गुरु विद्या, विद्यार्थी के गुण, पुस्तकों का पथ, आत्म निरीक्षण की कला के विभिन्न प्रयोग, प्रतिरोध प्रयास तथा अवसर, बाधाएं एवं उनके निवारण जैसे लेख प्रस्तुत हैं। चतुर्थ भाग में चित्त-विराम, विरोधाभास, चेतना एवं यंत्र, समर्पण, अज्ञान की परतें, चित्त की अवस्थाएं, मानचित्र, सूक्ष्म प्रक्षेपण, मृत्यु का वरण, सृष्टि, गृह-गमन, स्मृतियाँ इत्यादि का संक्षिप्त विवरण है।
आशा है साधक जनों को ये रूचिकर एवं ज्ञान युक्त प्रतीत होगा।

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तरुण प्रधान

गुरुजनों का परिचय उनका ज्ञान ही होता है। श्री तरुण प्रधान जी, एक आध्यात्मिक गुरु हैं, जो वर्तमान में पुणे के तम्हिनी घाट क्षेत्र में प्रवास करते हैं। बाल्यकाल से ही आप अध्यात्म की ओर प्रेरित रहे और बाद में शास्त्रों के गूढ़ ज्ञान को आत्मसात कर, उसके प्रबल शोधकर्ता रहे हैं। आपने इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में स्नातकोत्तर शिक्षा से अर्जित वैज्ञानिक तकनीकों का भरपूर और अभूतपूर्व उपयोग कर, इस दुर्लभ ज्ञान को एक व्यवस्थित और सरल पद्धति द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में साधकों को, ज्ञानदीक्षा और त्रिज्ञान (आत्म - माया - ब्रह्म ज्ञान ) कार्यक्रमों के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध करवाया है। तंत्र बोधि एवं अनुज्ञान इसी दिशा में नवीनतम संकलन के रूप में सम्मिलित किए गए हैं।
साधकों की सहायता के लिए हिंदी और अंग्रेजी में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन श्री तरुण जी द्वारा किया जाता है, जिनमें खोजी जिज्ञासुओं के आध्यात्मिक प्रश्नों एवं शंकाओं का समाधान किया जाता है। आपके द्वारा सभी आध्यात्मिक कार्यक्रमों तथा पाठ्यक्रमों में उच्च स्तरीय शोध कार्य भी निरंतर चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रत्यक्ष ऑफलाइन सत्संग कार्यक्रमों का आयोजन भी उनके द्वारा हो रहा है। बैंगलोर का कार्यक्रम पुणे, दिल्ली, मुंबई, रायपुर एवं मेरठ में आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला की ही एक कड़ी है। दृढ़ संकल्प शक्ति, पूर्ण समर्पण और स्वीकार भाव से इस निःशुल्क ज्ञान प्रसार में निष्ठापूर्ण तरीके से आप अपने जीवन-लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।

ये पुस्तक उनके ज्ञान प्रसार कार्यक्रम का ही एक भाग है।

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