Share this book with your friends

Vitamin - M / विटामिन - एम

Author Name: Raudra | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

यह कहानी एक साधारण कल्पना नहीं, बल्कि किशोर मन की गहराई से निकली वह आवाज़ है जो समाज की विसंगतियों को देखती है, समझती है और अपनी कलम से उन्हें चुनौती देती है।

जी हाँ, आपने सही पढ़ा—यह किताब मैंने आठवीं कक्षा में लिखी थी। उस उम्र में जब बच्चे गणित और विज्ञान में उलझे रहते हैं, मैंने एक ऐसी दुनिया गढ़ी जहाँ एक चोर मसीहा बनता है, जहाँ चोरी सिर्फ अपराध नहीं बल्कि सामाजिक प्रतिरोध हैi

कहानी का केंद्र है ‘एम’—एक ऐसा पात्र जो पेशे से चोर है, लेकिन उसकी आत्मा एक क्रांतिकारी है। वह अमीरों को लूटता है, लेकिन उन पैसों को गरीबों में बाँट देता है। वह कानून तोड़ता है, लेकिन इंसानियत की रक्षा करता है। वह अपराधी कहलाता है, लेकिन मसीहा बन जाता है।

क्या है उसके चोरी करने के पीछे का असली मकसद? क्या उसका मिशन सफल होगा? क्या व्यवस्था उसे स्वीकार करेगी या दंड देगी?

इन सवालों के जवाब आपको इस कहानी के पन्नों में मिलेंगे। लेकिन उससे भी ज़्यादा, आपको मिलेगा एक किशोर लेखक का दृष्टिकोण—जो न उम्र से सीमित है, न कल्पना से।

मैं रंजन कुमार, बिहार के हाजीपुर से हूँ। अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातक हूँ, लेकिन मेरी आत्मा हिंदी में बसती है। 'रौद्र' मेरा कलमी नाम है—जिसके पीछे एक ज्वाला है, एक विद्रोह है, और एक सपना है कि मेरी कहानियाँ उन लोगों तक पहुँचें जिनकी आवाज़ अक्सर दबा दी जाती है।

यह किताब उन सभी किशोरों को समर्पित है जो सोचते हैं, महसूस करते हैं, और लिखते हैं—चाहे दुनिया उन्हें गंभीरता से ले या नहीं।

क्योंकि कल्पना की कोई उम्र नहीं होती। और क्रांति… कभी भी जन्म ले सकती है।

– रौद्र (रंजन कुमार) हाजीपुर, बिहार

Read More...

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Ratings & Reviews

0 out of 5 (0 ratings) | Write a review
Write your review for this book

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Also Available On

रौद्र

रंजन कुमार, जो रौद्र नाम से लिखते हैं, बिहार के हाजीपुर से हैं। उन्होंने यह पुस्तक आठवीं कक्षा में लिखी थी। अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातक रंजन सामाजिक मुद्दों को कल्पना की तीव्रता से जोड़ते हैं। उनकी कहानियाँ उन लोगों को आवाज़ देती हैं जिनकी बातें अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। 'रौद्र' उनके लेखन की उस ज्वाला और विद्रोह का प्रतीक है जो उनके पात्रों को जीवंत बनाता है।

Read More...

Achievements