दो शब्द..
मैं "अनु" कोई कवित्री और लेखिका नहीं हूं बस बारह साल की उम्र से ही शब्दों को जोड़-तोड़ कर कुछ-कुछ लिखने का प्रयास करती आ रही
हूं और यह जो पुस्तक आप पाठकों के हाथों में सौंप रही हूं यह कविता संग्रह मेरी पहली कविता संग्रह है,
मुझे खूब हर्ष भी हो रहा है कि प्रेम के अनुभव पर आधारित कविताएं कुछ आप लोगों के मन को छू लेगी ऐसा मेरा विश्वास है और कुछ आँखो को नम करेंगी, मुझे आशा है इस पुस्तक में रह गई अशुद्धियों को छोटी बहन को प्यार देकर प्रथम प्रयास मानते हुए नजर अंदाज कर हमें माफ कर देंगें।
आपकी अपनी
अनुराधा