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war of reservation / आरक्षण की ज़ंग

Author Name: Engineer D.k.prabhakar | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

आरक्षण कि ज़ंग आज की समस्या नहीं है, यह तो उसी समय प्रारम्भ हो गई थी जब मानवता ने अपने पराये की पहचान करना प्रारम्भ कर दिया था। जैसे ही मानव को यह ज्ञान प्राप्त हुआ, उसने अपने प्रतिद्वंदियों को हराकर धन, धरती और सत्ता पर अपना अधिकार जताना प्रारम्भ कर दिया था। फिर उस धन, धरती और सत्ता पर अपना स्थाई अधिपत्य स्थापित करने हेतु वर्ण व्यवस्था लागू करके अपने स्थान को सुरक्षित कर लिया। इस प्रकार उन्होंने अपने लिए कर्म के आधार पर सोपानीकृत समाज में अपने लिए उच्च पदों पर आरक्षण का खेल खेला।  

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इंजीनियर डी॰ के ॰ प्रभाकर

·         एक गरीब मजदूर ( राजगीर) परिवार में जन्म के बाद उच्च शिक्षा लेकर निम्न महत्वपूर्ण कार्य, समाज सेवा व सहित्य सृजन किए

·         भारत सरकार के कलकत्ता स्थित प्रथम भूमिगत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के मैदान स्टेशन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका तत्पश्चात दुर्गापुर (प॰ब॰) थर्मल पावर स्टेशन व ललितुर (उ॰प्र॰) बांध परियोजना का निर्माण

·         विशाखापटनम स्टील प्लांट निर्माण के बाद

·         1984 से भारतीय अंतरिक्ष विभाग के PSLV प्रोजेक्ट त्रिवेनद्रुम व लखनऊ (उ॰प्र॰) के ईटीवी स्टुडीओ, इस्ट्रेक ग्राउंड स्टेशन तथा रेमोट सेन्सिंग एप्लिकेशन सेंटर का निर्माण

·         कटक (उढ़ीसा) स्थित नेताजी सुभास चंद बॉस जन्म स्थान का पुनुरुद्धन व म्यूजियम बनाने का सम्पूर्ण कार्या।

·         प्रभाकर उद्योग प्रा॰ लिमि॰ के चेयरमेन व प्रबंध निदेशक रहते अनेक निर्माण

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