परिवार से निकालकर जब वह समाज में आता है तो उसे अपने समाज की चिंता होने लगती है और वह समाज का चौकीदार बन जाता है। समाज की उन्नति के लिए वह सब कुछ करना चाहता है जिसकी समाज को आवश्यकता है। समाज की उन्नति के साथ ही अपने परिवार के भविष्य को जोड़कर देखता है।