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Yoga Darshana - Vyasa Bhashya / योग दर्शन - व्यास भाष्य

Author Name: Prakarsha Prakash | Format: Paperback | Genre : Reference & Study Guides | Other Details

योगसूत्र ग्रंथ महर्षि पतंजलि द्वारा रचित है। यह ग्रंथ सूत्रों के रूप में लिखा गया है। सूत्र-शैली भारत की प्राचीन दुर्लभ शैली है जिसमें विषय को बहुत संक्षिप्त शब्दों में प्रस्तुत किया जाता है। यह चार पादो में विभाजित है जिसमें 196 सूत्र निबद्ध है। इस ग्रंथ में महर्षि पतंजलि ने यथार्थ रूप में योग के आवश्यक आदर्शों और सिद्धांतों को प्रस्तुत किया है। पतंजलि का “योगसूत्र“, योग विषय पर एकमात्र सबसे प्रामाणिक पुस्तक के रूप में स्थापित है। योगसूत्र ग्रंथ के चार पाद हैंः समाधि पाद, साधन पाद, विभूति पाद, और कैवल्य पाद। 

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प्रकर्ष प्रकाश

पतंजलि प्राचीन भारत के एक मुनि और नागों के राजा शेषनाग के अवतार थे जिन्हे संस्कृत के अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थों का रचयिता माना जाता है। इनमें से योगसूत्र उनकी महानतम रचना है जो योगदर्शन का मूलग्रन्थ है। भारतीय साहित्य में पतंजलि द्वारा रचित ३ मुख्य ग्रन्थ मिलते हैं। योगसूत्र, अष्टाध्यायी पर भाष्य और आयुर्वेद पर ग्रन्थ।

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