ज़िन्दगी की आंख मिचौली ये पुस्तक गुड्डन नामदेव जी ने लिखी है। यह पुस्तक कुल छः कहानियों का संगठन है। इस किताब में कहानियां एक अलग ही अंदाज़ में प्रस्तुत की गई है ताकि सभी को पढ़ने में न सिर्फ केवल सबक और शिक्षा ही मिले बल्कि पढ़ते समय आनंद भी आये। हालांकि कहानियां मनोरंजन के लिए है , पर एक सच ये भी है कि यह हक़ीक़त से बखूभी वास्ता रखते हैं। और किसी ने सच ही कहा है कि जब तक हक़ीक़त न हो तो किस्से,कहानियाँ नही बनते। ज़िन्दगी बहुत ही खूबसूरत सा शब्द है,ये शब्द सुनते अपने आप ही हिम्मत आ जाती है। पर ज़िन्दगी को इंसानों के साथ आंख मिचौली खेलने में ही काफी आनंद आता है शायद। ज़िन्दगी की आंख मिचौली बस कुछ किरदारों की ज़िन्दगी के ऐसे पलों से ही रूबरू कराती है। आशा है कि ये पुस्तक न सिर्फ आपको पसंद आएंगी बल्कि आपके दिलों को भी छुएंगी।