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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalHARENDRA KUMAR has always been captivated by the art of storytelling. From a young age, they quickly absorbed the content of a variety of books and films. As they grew up, HARENDRA KUMAR found that having an artistic outlet was the perfect way to express their thoughts, creativity, and imagination. They quickly fell in love with screenwriting and haven't looked back since, committing themself to a career as a professional Original Screenplay Writer. Read More...
HARENDRA KUMAR has always been captivated by the art of storytelling. From a young age, they quickly absorbed the content of a variety of books and films. As they grew up, HARENDRA KUMAR found that having an artistic outlet was the perfect way to express their thoughts, creativity, and imagination. They quickly fell in love with screenwriting and haven't looked back since, committing themself to a career as a professional Original Screenplay Writer.
कहानी की शुरुआत एक प्रसिद्द बिजनेसमैन राजीब बनर्जी से होती है. जिसके लाश के साथ कातिल के द्वारा छोड़ा गया एक नोट इन्वेस्टीगेशन करने वाले ऑफिसर अभिजित को मिलता है, इसमें उसकी कहान
कहानी की शुरुआत एक प्रसिद्द बिजनेसमैन राजीब बनर्जी से होती है. जिसके लाश के साथ कातिल के द्वारा छोड़ा गया एक नोट इन्वेस्टीगेशन करने वाले ऑफिसर अभिजित को मिलता है, इसमें उसकी कहानी होती है. किसी उपन्यास की कहानी की तरह. जिसका शीर्षक Introvert होता और लेखक के नाम के स्थान पर मिस्टर किलर लिखा होता है.
आरम्भ में तो ऐसा ही लगता है कि कातिल एक साईको सीरियल किलर लेखक है. एक लेखक जिसकी कहानी न ही किसी प्रकाशन ने प्रकाशित की और न ही उसके कहानी पर कोई फिल्म या सीरिज ही बनाई गयी. तब दुनियाँ के सामने अपनी कहानी प्रकाशित करने का उसने यह तरीका अपनाया था. हाई-प्रोफाइल मर्डर करने के बाद अपनी कहानी का एक अध्याय लाश के पास छोड़ देना. लेकिन कहानी इतनी नहीं है. जब ऑफिसर छानबीन करने लगता है और कहानी आगे बढती है, एक के बाद एक रहस्यों से पर्दा उठने लगता है. शहर में खुनी खेल शुरू हो जाता है. जैसे instagram पर लाइव मर्डर... औरतों की ऑनलाइन नीलामी... और फेमस लोगों की हत्याएँ. क्या अभिजित उसे रोकने में कामयाब हो पायेगा? या खुद किसी मुसीबत के दलदल में फंस जायेगा?
कहानी की शुरुआत एक प्रसिद्द बिजनेसमैन राजीब बनर्जी से होती है. जिसके लाश के साथ कातिल के द्वारा छोड़ा गया एक नोट इन्वेस्टीगेशन करने वाले ऑफिसर अभिजित को मिलता है, इसमें उसकी कहान
कहानी की शुरुआत एक प्रसिद्द बिजनेसमैन राजीब बनर्जी से होती है. जिसके लाश के साथ कातिल के द्वारा छोड़ा गया एक नोट इन्वेस्टीगेशन करने वाले ऑफिसर अभिजित को मिलता है, इसमें उसकी कहानी होती है. किसी उपन्यास की कहानी की तरह. जिसका शीर्षक Introvert होता और लेखक के नाम के स्थान पर मिस्टर किलर लिखा होता है.
आरम्भ में तो ऐसा ही लगता है कि कातिल एक साईको सीरियल किलर लेखक है. एक लेखक जिसकी कहानी न ही किसी प्रकाशन ने प्रकाशित की और न ही उसके कहानी पर कोई फिल्म या सीरिज ही बनाई गयी. तब दुनियाँ के सामने अपनी कहानी प्रकाशित करने का उसने यह तरीका अपनाया था. हाई-प्रोफाइल मर्डर करने के बाद अपनी कहानी का एक अध्याय लाश के पास छोड़ देना. लेकिन कहानी इतनी नहीं है. जब ऑफिसर छानबीन करने लगता है और कहानी आगे बढती है, एक के बाद एक रहस्यों से पर्दा उठने लगता है. शहर में खुनी खेल शुरू हो जाता है. जैसे instagram पर लाइव मर्डर... औरतों की ऑनलाइन नीलामी... और फेमस लोगों की हत्याएँ. क्या अभिजित उसे रोकने में कामयाब हो पायेगा? या खुद किसी मुसीबत के दलदल में फंस जायेगा?
आयुषी, एक सीरियल किलर जो मिस साइलेंट किलर के नाम से प्रसिद्ध है, अजनबियों के साथ सेक्स करती और फिर उसका मर्डर कर देती है. लेकिन दुनियाँ के सामने मासूमियत का दिखावा करती है.
तन
आयुषी, एक सीरियल किलर जो मिस साइलेंट किलर के नाम से प्रसिद्ध है, अजनबियों के साथ सेक्स करती और फिर उसका मर्डर कर देती है. लेकिन दुनियाँ के सामने मासूमियत का दिखावा करती है.
तन्वी, एक लड़की जो IPS बनाना चाहती है. और साथ ही मिस साइलेंट किलर को पकड़ना चाहती है.
एक बहन कातिल और दूसरी उसकी तलाश में। दोनों एक ही छत के नीचे रहते हुए भी एक दूसरे से अनजान हैं। क्या होगा जब तन्वी की तलाश खत्म होगी? क्या वह अपनी बहन को रोक पाएगी? या आयुषी की हैवानियत एक नया रूप ले लेगी?
फिर एक वक्त ऐसा आया जब उन्हे दो विकल्पों में से किसी एक को चुनना था। शराब या दवाई। शराब उन्हे कुछ देर के लिए नशे का आनंद देता और दवाई उनकी पत्नी को थोड़ी सी और सांसे।
इंसान स्वार्
फिर एक वक्त ऐसा आया जब उन्हे दो विकल्पों में से किसी एक को चुनना था। शराब या दवाई। शराब उन्हे कुछ देर के लिए नशे का आनंद देता और दवाई उनकी पत्नी को थोड़ी सी और सांसे।
इंसान स्वार्थी होता है पर इतना!
उन्हे अपने लिए शराब की बोतल अपने पत्नी के सांसों से ज्यादा महत्वपूर्ण लगा। और फिर दवाई के बजाय उन्होंने शराब खरीदा। इधर उनके मस्तिष्क में नशे का असर प्रभाव डालने लगा और उधर उनकी पत्नी की सांसे थमने लगी। एक नशे में धुत आनंद की नींद सोया तो दूसरा मौत की। फर्क बस इतना था कि एक की नींद अल्प अवधि की थी तो दूसरी की अनन्त काल की।
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