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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalRahul Verma, who also goes by Rahul Ras, is an Indian film editor and writer-poet, was born on 30 April 1998 at Hardoi to Ramlakhan Verma , a Fire brigade Policeman and Shanti Verma , homemaker. He studied from Shri Guru Ram Rai Public School ,Hardoi (Uttar Pradesh). He worked as an associate editor in MX player's famous web series Ashram 3 and bollywood's famous comedy film series Fukrey 3.Read More...
Rahul Verma, who also goes by Rahul Ras, is an Indian film editor and writer-poet, was born on 30 April 1998 at Hardoi to Ramlakhan Verma , a Fire brigade Policeman and Shanti Verma , homemaker. He studied from Shri Guru Ram Rai Public School ,Hardoi (Uttar Pradesh). He worked as an associate editor in MX player's famous web series Ashram 3 and bollywood's famous comedy film series Fukrey 3.
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महाभारत स्वयं एक महाकाव्य है, और इस महाकाव्य का प्रत्येक योद्धा महावीर और रहस्मयी विद्या का ज्ञाता है। उन सभी महावीर योद्धाओं में एक अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भी है जिन्होंने युद्
महाभारत स्वयं एक महाकाव्य है, और इस महाकाव्य का प्रत्येक योद्धा महावीर और रहस्मयी विद्या का ज्ञाता है। उन सभी महावीर योद्धाओं में एक अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भी है जिन्होंने युद्ध स्थल में अद्वितीय युद्ध कला और महाताण्डव का प्रदर्शन किया था । उसने एकल ही सैकड़ों योद्धाओं को मौत के घाट उतारा। स्वयं भरद्वाज पुत्र एवं कुरुकुल गुरु द्रोणाचार्य, सूर्यपुत्र अंगराज कर्ण, महाराज धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन, कौरव युवराज दुःसाशन, गांधार नरेश शकुनि और गुरु द्रोण पुत्र महाधनुर्धर अश्वत्थामा आदि योद्धाओं ने मिलकर युद्ध किया, तब जाकर इस महाधनुर्धर योद्धा एवं श्री कृष्ण शिष्य अभिमन्यु को परास्त किया।
यह कविता महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत के द्रोण पर्व पर आधारित है, जिसमे अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह को भेदने की प्रत्येक घटना को मार्मिकता से कविता स्वरूप दिया गया है। आशा करता हूँ कविता आप पाठक जनों को प्रभावित कर सकेगी।
धन्यवाद l
महाभारत स्वयं एक महाकाव्य है, और इस महाकाव्य का प्रत्येक योद्धा महावीर और रहस्मयी विद्या का ज्ञाता है। उन सभी महावीर योद्धाओं में एक अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भी है जिन्होंने युद्
महाभारत स्वयं एक महाकाव्य है, और इस महाकाव्य का प्रत्येक योद्धा महावीर और रहस्मयी विद्या का ज्ञाता है। उन सभी महावीर योद्धाओं में एक अर्जुन पुत्र अभिमन्यु भी है जिन्होंने युद्ध स्थल में अद्वितीय युद्ध कला और महाताण्डव का प्रदर्शन किया था । उसने एकल ही सैकड़ों योद्धाओं को मौत के घाट उतारा। स्वयं भरद्वाज पुत्र एवं कुरुकुल गुरु द्रोणाचार्य, सूर्यपुत्र अंगराज कर्ण, महाराज धृतराष्ट्र पुत्र दुर्योधन, कौरव युवराज दुःसाशन, गांधार नरेश शकुनि और गुरु द्रोण पुत्र महाधनुर्धर अश्वत्थामा आदि योद्धाओं ने मिलकर युद्ध किया, तब जाकर इस महाधनुर्धर योद्धा एवं श्री कृष्ण शिष्य अभिमन्यु को परास्त किया।
यह कविता महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत के द्रोण पर्व पर आधारित है, जिसमे अभिमन्यु द्वारा चक्रव्यूह को भेदने की प्रत्येक घटना को मार्मिकता से कविता स्वरूप दिया गया है। आशा करता हूँ कविता आप पाठक जनों को प्रभावित कर सकेगी।
धन्यवाद l
मुझे लेखन का कोई विशेष सूत्र नहीं पता ,मैं उसी वक़्त लिखता हूँ जब कुछ ऐसा देखता, सुनता या महसूस करता हूँ जो मेरी अंतरात्मा को सोचने पर मजबूर कर दे । या फिर स्वयं मैं किसी ऐसी परिस्थि
मुझे लेखन का कोई विशेष सूत्र नहीं पता ,मैं उसी वक़्त लिखता हूँ जब कुछ ऐसा देखता, सुनता या महसूस करता हूँ जो मेरी अंतरात्मा को सोचने पर मजबूर कर दे । या फिर स्वयं मैं किसी ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा होऊं जो मेरे लिए असहनीय और अकल्पनीय हो । कहते हैं जीवन एक यात्रा है और हम यात्री, और इस यात्रा में हर कोई कभी न कभी, कहीं न कहीं कमजोर होकर लड़खड़ाने लगता है और उस वक़्त आप स्वयं ही खुद के मार्गदर्शक और रक्षक होते हैं। तो कुछ इसी तरह की परिस्थितियों में लिखी गयी पंक्तियाँ इस पुस्तक में शामिल हैं। मुझे उम्मीद है कि आप सभी को यह किताब बहुत पसंद आएगी।
देश के विकास की जिम्मेदारी नेताओं की होती है और यह किताब आज के नेताओं के चरित्र के बारे में बताती है जो देश के उज्जवल भविष्य और विकास के लिए कुछ करना ही नही चाहते हैं ।
देश के विकास की जिम्मेदारी नेताओं की होती है और यह किताब आज के नेताओं के चरित्र के बारे में बताती है जो देश के उज्जवल भविष्य और विकास के लिए कुछ करना ही नही चाहते हैं ।
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