Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palएक उम्र आता है जब इंसान का दिल उसपे हावी हो जाता है। ज़िन्दगी के नए रंगों पर उसका ध्यान जाता है और ऐसा ही दौर बसंत की ज़िन्दगी में भी आया। अनमोल बसंत का जन्म 1995 में बिहार की राजधानी पटन
एक उम्र आता है जब इंसान का दिल उसपे हावी हो जाता है। ज़िन्दगी के नए रंगों पर उसका ध्यान जाता है और ऐसा ही दौर बसंत की ज़िन्दगी में भी आया। अनमोल बसंत का जन्म 1995 में बिहार की राजधानी पटना में हुआ। बचपन से शर्मीले और कम बोलने वाले अनमोल ने संत ज़ेवियर्स से दसवीं एवं संत माईकल्स से बारहवीं पास किया। 2013 में उनका दाख़िला देश के सबसे पुराने IIT, IIT Kharagpur में हुआ। वहां बिताये गए पांच वर्ष उनके लिए बेहद ख़ास रहे। उनके व्यक्तित्व पर एक सुन्दर प्रभाव पड़ा और वहां बहोत सारी चीज़ें अनुभव की। 8 वर्ष की उम्र में Carrom और 12 वर्ष की उम्र में टेबल टेनिस के राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके अनमोल को बचपन से ही खेलने कूदने का भी खूब शौक रहा है। पर इन सब के अलावा जो बदलाव कविता, ग़ज़ल और शेरों-शायरी से इनमें आया वो ज़्यादा गहरा था। अपने खड़गपुर के दिनों में इन्होंने गुलज़ार, हरिवंश राय बच्चन, फैज़ अहमद फैज़, अहमद फ़राज़, मुनीर नियाज़ी, रामधारी सिंह दिनकर आदि जैसे महाकवियों को पढ़ा और उनसे बेहद प्रभावित रहे। कुछ ज़िन्दगी के अनुभव और कुछ इन महाकवियों से प्रेरित होकर अनमोल ने खुद भी लिखना शुरू किया। अपने अनुभवों से अनमोल बताते हैं की जब इंसान मोहब्बत के दौर से गुज़रता है तब वो किसी और की नहीं बल्कि खुद की खोज में निकल जाता है और अंततः वो किसी और को नहीं बल्कि खुद को पाता है।
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.