Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palहरीश जोशी मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित ग्राम - भटियाना के निवासी हैं (जन्म ११ अक्टूबर १९८२) I हरीश जोशी की १२ वी तक की शिक्षा गौचर(चमोली) से एवं स्नातक की शिक्षा राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर(चमोली) से वर्ष २००५ Read More...
हरीश जोशी मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित ग्राम - भटियाना के निवासी हैं (जन्म ११ अक्टूबर १९८२) I हरीश जोशी की १२ वी तक की शिक्षा गौचर(चमोली) से एवं स्नातक की शिक्षा राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर(चमोली) से वर्ष २००५ में राजनीती शास्त्र, शिक्षा शास्त्र एवं सैन्य विज्ञान विषयो के साथ पूर्ण हुई । इनके पिता उत्तराखंड वन विभाग से सेवानिवृत हैं एवं इनकी माता गृहणी हैं। वर्तमान समय मैं इनका निवास स्थान रूड़की, उत्तराखंड मैं स्थित है। एक लेखक होने के साथ साथ इनको संगीत वाद्य यन्त्र बजाने का भी ज्ञान है।
देश की सेवा के साथ साथ कहानी, गीत, शायरी, सामाजिक लेख एवं कविताओं की लेखनी मैं विशिष्ट रूचि हेतु ईश्वर का कोटि कोटि नमन करते हुए सभी पाठको का तहे दिल से आभार।
"रास्ते में गिरे एक बड़े पत्थर से ही ठोकर खा कर गिरने का ज्यादा भय होता है,
ईश्वर ने इंसान को धरती के सभी प्राणियों में सबसे बड़ी ताक़त जो दी है वह है दिमाग
सोचने की शक्ति, समझने की शक्ति, फैसला लेने की शक्ति, कठिनाई से लड़ने की शक्ति
अतः इंसान अपने दिमाग का सही प्रयोग कर उस बड़े से बड़े पत्थर को रास्ते से हटा कर अपने रास्ते को आसान बना सकता है
परन्तु जरूरत है सही समय पर कठिन मेहनत और लगन की, और यह नियम आपके सम्पूर्ण जीवन मैं भी लागू होता है। "
जय उत्तराखंड , जय हिन्द, जय भारत।
Read Less...Achievements
रिवेंज मैरिज एक वास्तविकता से जुडी काल्पनिक कहानी है। यह कहानी है एक ऐसे ब्यक्तित्व की जो की सिर्फ अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए ही जिया और यह कहानी है उस चरित्र की जिसने समाज क
रिवेंज मैरिज एक वास्तविकता से जुडी काल्पनिक कहानी है। यह कहानी है एक ऐसे ब्यक्तित्व की जो की सिर्फ अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए ही जिया और यह कहानी है उस चरित्र की जिसने समाज की सारी मर्यादाओ को लांघ कर अपने जीवन में दुःख का न्योता खुद ही दे दिया। यह कहानी है उन माता पिता की जो की अपने से ज्यादा भरोसा अपने बच्चो पर कर लेते है और उन बच्चो की गलतियों को नजरअंदाज करने का परिणाम भविष्य में क्या होता है यह इस कहानी को पढ़ने पर आप जान पाएंगे। यह कहानी एक ही परिवार के इर्द गिर्द घूमती है परन्तु यह आइना है हमारे आज के समाज का।
"मनखी" पूर्ण रूप से एक गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली में लिखी गई कविताओं का संग्रह है। मैंने इस पुस्तक में संग्रहित कविताओं के माध्यम से उत्तराखंड के पहाड़ो, गढ़वाल व कुमाऊ की संस्कृति
"मनखी" पूर्ण रूप से एक गढ़वाली और कुमाऊंनी बोली में लिखी गई कविताओं का संग्रह है। मैंने इस पुस्तक में संग्रहित कविताओं के माध्यम से उत्तराखंड के पहाड़ो, गढ़वाल व कुमाऊ की संस्कृति का विस्तार करने का प्रयास किया है। आज हमारे पहाड़ो की मुख्य समस्या पलायन बन चुकी है। पलायन पर मैंने अपनी कविताओं में पहाड़ के दुःख का वर्णन करने का प्रयत्न किया है। इसके अलावा देवभूमि के देवताओ से समाज के कल्याण हेतु रचनाये। नारी सम्मान से सम्बंधित कविता को शामिल किया है जिसका हिंदी रूपांतरण मेरी हिंदी काव्य पुस्तक "प्यार हूँ मैं" भी पाठक पढ़ सकते हैं। पुस्तक में कविताओं को अलग अलग भागो में वर्गीकृत किया गया है। मेरी गढ़वाली व कुमाऊंनी बोली की हास्य कविताओं को मैंने इस पुस्तक के अंतिम भाग में शामिल किया है।
उम्मीद करता हूँ की पाठको को मेरी रचनाये पसंद आएंगी और उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊ की संस्कृति और बोली के विकास में सभी अपनी सहभागिता प्रदर्शित करेंगे। जय देवभूमि उत्तराखंड। जय हिन्द।
मेरी कविताओं का मुख़्य श्रोत प्रेम, नारी सम्मान, देश प्रेम और प्रकृर्ति संरक्षण है। मैंने अपनी इन रचनाओं मे अधिक से अधिक यह प्रयास किया है की लोगो को प्रेम, देश प्रेम, नारी सम्
मेरी कविताओं का मुख़्य श्रोत प्रेम, नारी सम्मान, देश प्रेम और प्रकृर्ति संरक्षण है। मैंने अपनी इन रचनाओं मे अधिक से अधिक यह प्रयास किया है की लोगो को प्रेम, देश प्रेम, नारी सम्मान और प्रकृति प्रेम के प्रति और अधिक जागरूक कर सकू।
Are you sure you want to close this?
You might lose all unsaved changes.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.