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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalAuthor of 3 books and a student from Siwan (Bihar). Started writing poetries at the age of Six, and published first book in 8th std. And have published 3 books till now which are i) "JAZBAA", ii) "MERE HISSE KI KOSHISH", iii) "SHAM AUR TANHAI". Available on Amazon, Flipkart, eBay etc. And published a short tale:- "RULES OF LIFE" in #writeyourheartoutRead More...
Author of 3 books and a student from Siwan (Bihar).
Started writing poetries at the age of Six, and published first book in 8th std.
And have published 3 books till now which are i) "JAZBAA", ii) "MERE HISSE KI KOSHISH", iii) "SHAM AUR TANHAI".
Available on Amazon, Flipkart, eBay etc.
And published a short tale:- "RULES OF LIFE" in #writeyourheartout
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हमारी जिंदगी में ऐसे अनेक लम्हें हैं जिन्हें हम महसूस तो करते हैं पर किसी के सामने रख नहीं पाते हैं। कहीं हमारे अतीत की कुछ धुंधली यादें जो हमें आगे बढ़ने से रोकती और अपनी ओर खींच
हमारी जिंदगी में ऐसे अनेक लम्हें हैं जिन्हें हम महसूस तो करते हैं पर किसी के सामने रख नहीं पाते हैं। कहीं हमारे अतीत की कुछ धुंधली यादें जो हमें आगे बढ़ने से रोकती और अपनी ओर खींचती रहती हैं, तो कहीं अधूरे वादों का मजमुआ जो हालातों और मजबूरियों के नज़र हो गया। आंखों में मोतियों से भरे कुछ ख़्वाब जो बिखर कर रह गए, कहीं एक एहसास जिसे अल्फाज़ की शक्ल न मिल सकी, कुछ अनकही बातें जो हमारे अंदर ही दफ़्न रह गई। ज़िंदगी की कश्मकश में कहीं अपनों को खोते हम तो कहीं हमारे अपने जो हमें खो रहे। कभी लाहसिल के पीछे भागते हुए ज़िंदगी गुज़र गई, तो कहीं हासिल पर सब्र कर के जिंदगी गुज़ार दी गई। ऐसे अनेक अहससत और अनगिनत लम्हों को कविताओं की पंक्तियों में पिरो कर मैं अपनी चौथी लघु काव्य पुस्तिका "बेरुखी" को आप सबके बीच रख रही हूं। मैंने अपनी कविताओं को समाज के आईने के रूप में रखने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है आप इससे कहीं न कहीं ज़रूर जुड़ेंगे और मेरी कविताएं आपके हृदय तक ज़रूर पहुंचेगी।
हमारी जिंदगी में सबसे अहम किरदार हमारे अपने अदा करते हैं। क्योंकि जो हमारे अपने होते हैं या जो इंसान हमारे दिल के बहुत करीब होता है उससे जुड़ी हर बात हमारे लिए बहुत अज़ीज़ होती ह
हमारी जिंदगी में सबसे अहम किरदार हमारे अपने अदा करते हैं। क्योंकि जो हमारे अपने होते हैं या जो इंसान हमारे दिल के बहुत करीब होता है उससे जुड़ी हर बात हमारे लिए बहुत अज़ीज़ होती है भले ही वो अच्छी हो या बुरी। पर जब उन्हीं अपनों से हमें धोखा और फ़रेब एक जैसी चीजें मिलती हैं, जब अपनों से अपनेपन का दगा सिला मिलता है और जब हमारे रिश्ते ही हमारा गला घोटने लगते हैं तो बहुत अज़ियत होती है। और उस वक्त जो हम महसूस कर रहे होते हैं, जिस तकलीफ़ से गुज़र रहे होते हैं उसे शब्दों में लिखना मुमकिन नहीं है लेकिन फिर भी उन तकलीफ़ों को, उस एहसास को और उस दर्द को मैंने कोरे पन्नों पर पंक्तियों के रूप में लिखने की एक छोटी सी कोशिश की है।
मेरी कविताओं में जीवन के उन पलों को छूने का प्रयास किया गया है जो मानव जीवन को झकझोर देते हैं। इस लघु काव्य पुस्तिका(शाम और तन्हाई )में अपनी कविताओं को समाज के आईने के रूप में रखने की कोशिश की हूं और आप सबों के बीच प्रस्तुत कर रही हूं और मुझे उम्मीद है कि आप सबको मेरी कविताएं पसंद आएंगी और मेरी पंक्तियां आप सबों के ह्रदय तक जरूर पहुंचेगी।
आज संपूर्ण विश्व सांप्रदायिक झगड़ों,आपसी वैमनस्य, धोखा, फरेब एवं मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्यों को भूलता जा रहा है। आज भी समाज में बेटा और बेटी के नाम पर भेदभाव हो रहा है,आज भी ससु
आज संपूर्ण विश्व सांप्रदायिक झगड़ों,आपसी वैमनस्य, धोखा, फरेब एवं मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्यों को भूलता जा रहा है। आज भी समाज में बेटा और बेटी के नाम पर भेदभाव हो रहा है,आज भी ससुराल में बहुओं को दहेज के लिए जला दिया जा रहा है। इन सारी बातों के ख़िलाफ़ मेरी एक छोटी सी आवाज आप सब के समक्ष इस पुस्तिका के रूप में प्रस्तुत है। इस पुस्तिका में जीवन के उन पलों को छूने का प्रयास किया गया है जो जीवन को झकझोर देते हैं, इस कविता के माध्यम से मैं आपके अंतर्मन के साथ जुड़ने का प्रयास की हूँ साथ ही आकांक्षी हूँ आपके स्नेह एवं प्यार कि मुझे विश्वास है इस लघु काव्य पुस्तिका को पढ़ने के बाद आप अपने स्नेह की छाया से मुझे वंचित नहीं करेंगे।
मैं अपनी काव्य पुस्तिका को आपके समक्ष प्रस्तुत की हूँ। मेरी कविताओं में जीवन के उन पलों को छूने का प्रयास किया गया है जो जीवन को झकझोर देते हैं। आज सम्पूर्ण संसार वितृष्णा की ज़िन
मैं अपनी काव्य पुस्तिका को आपके समक्ष प्रस्तुत की हूँ। मेरी कविताओं में जीवन के उन पलों को छूने का प्रयास किया गया है जो जीवन को झकझोर देते हैं। आज सम्पूर्ण संसार वितृष्णा की ज़िन्दगी जीने को मजबूर है, प्रेम,सौहार्द, बन्धुत्व व आपसी मेल - मिलाप नगण्य हो गये हैं, रिश्तों पर भौतिकवाद प्रभावी हो गया है, ऐसे में इस लघु काव्य - पुस्तिका को आप सबों के समक्ष प्रस्तुत कर रिश्तों में पुनः मिठास लाने का प्रयास की हूँ। सुख - दुःख के साम्य पर जीवन को खड़ा कर के एक सुनहरे सपने का निर्माण हो सके,मेरी कविताओं की प्राथमिकता है।
wow!!! How wonderful is the rule of life, doesn't matter you are telling truth or lie. No one cares you are happy or sad, but everyone will judge you are good or bad. A smile should always be on your face, doesn't fact it is real or fake. If you are a girl and 16-18 is your age, then you have to liv Read More...
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