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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
ये जिन्दगी की दास्तान जहाँ सब के सर पर जिम्मेदारी
है वो कोशिश करते हैं किसी तरह अपनी जिम्मेदारियों कों निभाने की अपनी जिंदगी को जीने की मगर अपने हिसाब से जीना सबके लिये आसान
ये जिन्दगी की दास्तान जहाँ सब के सर पर जिम्मेदारी
है वो कोशिश करते हैं किसी तरह अपनी जिम्मेदारियों कों निभाने की अपनी जिंदगी को जीने की मगर अपने हिसाब से जीना सबके लिये आसान नही होता औरों के हिसाब से जिंदगी जीना सबके हिसाब से खुद को तैयार औरों की नजरों में खुद को साबित करना ही उसके लिये जरूरी हो जाता है वो यहाँ ठहरना नही चाहता क्यों की उसे अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है और अगर उसे कुछ पल ऐसे मिलें जो उसे सुकून दे सकें उसे खुशी दे जहाँ वो अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जी सके जँहा वो अपनी जिंदगी के कुछ हसीन पल पाकर उसमें खोना चाहता है
इस कहानी में दो अलग - अलग किरदारों का जिक्र है अरनव और पायल जो इस कहानी के नायक और नायिका है !
इस कहानी में दो अलग - अलग किरदारों का जिक्र है अरनव और पायल जो इस कहानी के नायक और नायिका है !
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