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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
जानता हुँ कि अब खत का जमाना नहीं रहा, आज के जमाने में कौन खत लिखता है कौन खत पढ़ता है, फिर भी खत लिखता हुँ यह जानते हुए भी कि मेरे यह खत तुम शायद कभी नहीं पढो़गी, मेरे यह खत शायद तुम तक
जानता हुँ कि अब खत का जमाना नहीं रहा, आज के जमाने में कौन खत लिखता है कौन खत पढ़ता है, फिर भी खत लिखता हुँ यह जानते हुए भी कि मेरे यह खत तुम शायद कभी नहीं पढो़गी, मेरे यह खत शायद तुम तक पहुंचते भी ना हो, फिर भी लिखता हुँ, मेरे दिल को सुकुन पहुंचता है, जब मैं तुम्हें खत लिखता हुँ, मेरे दिल का बोझ हल्का हो जाता है, मेरा सारा दर्द लफ्जों में बह जाता है, शायद तुम्हें पढ़कर यकीं ना आएं कि जो लड़का दिन दिन भर बोल बोल कर तुम्हारा सर खाया करता था, अपनी बातों से तुम्हें पकाया करता था, वह लड़का अब कई कई घंटे खामोश रहता है, मुस्कुराए हुए तो उसे जैसे जमाना गुजर गया, तुम्हारें छोड़ जाने पर मौत तो नहीं आई उसे लेकिन जीते जी मर गया, जिंदा लाश बनकर रह गया, आजकल कुछ नहीं करता है बस तुम्हें खत लिख लिख कर अपना मन हल्का करता है, जानता हुँ मैं तुम्हें पढ़कर तकलीफ होगी लेकिन सोचना जरूर कि जब तुम्हें पढ़कर इतना दर्द हुआ तो लिखने वाले को लिखकर कितना दर्द हुआ होगा जब पढ़ते पढ़ते तुम्हारी आंखों में नमीं आ गई तो सोचो लिखने वाला कितना रोया होगा कितने दर्द कितने जख्म मिले होंगे उसे जब तुम्हें खोया होगा।
यह शायरी मेरी बहुत अलग लहजे में है जो आजकल के नोजवानो को उम्मीद करता हूँ पसंद आयेगी, क्योंकि आजकल जिस तरह का माहौल है और इस दौर के आशिकों का जो प्यार करने का अंदाज है, और अब प्यार मो
यह शायरी मेरी बहुत अलग लहजे में है जो आजकल के नोजवानो को उम्मीद करता हूँ पसंद आयेगी, क्योंकि आजकल जिस तरह का माहौल है और इस दौर के आशिकों का जो प्यार करने का अंदाज है, और अब प्यार मोहब्बत मे एक सब से अहम किरदार जो है वह मोबाइल फोन निभा रहा है वाटसप फेसबुक इंस्टाग्राम इन सब के बिना तो अब मोहब्बत ही अधुरी है और सच कहु तो यह कोई मोहब्बत नहीं सिर्फ धोखा है फरेब है, हमारे नोजवानो को हर दिन एक नयी मोहब्बत हो जाती है, ऐसे ही कुछ नोजवानो से में जब मिला और उनकी मोहब्बत के यह डिजिटल किस्से सुने जो सब एक दूसरे से मिलते जुलते ही थे, मैने इस पर गौर क्या तो पाया कि सब ऎसी ही मोहब्बत में मशगूल हैं बस ऐसे ही नोजवानो के डिजिटल मोहब्बत के अंदाज को मैने अपने कुछ लफ्जों में समेटने की कोशिश की है और इसलिए मैंने इसे डिजिटल पोयट्री नाम दिया है। ऐसे तो मैने कई शायरी (कविता ) लिखी लेकिन यह मेरी पहली शायरी है जिसे मै एक किताब का रूप दे पाया, उम्मीद करता हूं आपको यह पसंद आयेगी।
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