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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palप्रस्तुत कविता संग्रह में जीवन के विभिन्न पहलुओं को मार्मिकता के साथ दर्शाया गया है। इसके अंतर्गत कई अनछुए पहलुओं जैसे कि परिवर्तन का शाश्वत नियम, बुराई, समय का सही महत्व, डांट फट
प्रस्तुत कविता संग्रह में जीवन के विभिन्न पहलुओं को मार्मिकता के साथ दर्शाया गया है। इसके अंतर्गत कई अनछुए पहलुओं जैसे कि परिवर्तन का शाश्वत नियम, बुराई, समय का सही महत्व, डांट फटकार, ईष्या, सर्व कल्याण, रिश्तो में समझदारी, सच्चाई का महत्व, विकासोन्मुखी सोच, गंभीरता और सम्यक भाव को कविताओं के जरिए व्यक्त किया गया है। कहीं-कहीं इसमें व्यंग्य का भी सम्मिश्रण किया गया है। प्रत्येक कविता इस प्रकार की है कि पाठक कहीं न कहीं उससे खुद को जुड़ा हुआ अवश्य महसूस करता है। व्यक्ति, उसके परिवार, उसके आस-पड़ौस और समाज में हो रही घटनाओं को कहीं न कहीं ये कविताएं परिलक्षित करती हैं। ये कविताएं यह बताती है कि कैसे हम संवेदनशीलता और समझदारी के साथ जीवन के विविध पहलुओं को जीते हुए प्रगति के पथ पर शांति और सौहार्द के साथ आगे बढ़ सकते है।
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