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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
भारत एक ऐसा देश है जिसे एक समय में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था.. क्यूंकि हमारे देश में समृधता के साथ – साथ बुद्धिमत्ता और वीरता की भी महान पराकाष्ठ थी... यहाँ राजा – महार
भारत एक ऐसा देश है जिसे एक समय में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था.. क्यूंकि हमारे देश में समृधता के साथ – साथ बुद्धिमत्ता और वीरता की भी महान पराकाष्ठ थी... यहाँ राजा – महाराजाओं का राज हुआ करता था... देश का हर एक नागरिक खुशहाल हुआ करता था, शायद ही ऐसा कोई परिवार हुआ करता था जो खाली पेट सोया करता था... किसानो और कारोबारियों को वस्तुओं के बदले हीरे, ज़वाहरात और बहुमूल्य अशर्फियां मिला करती थीं.. जिस से धन की कमी की कोई भावी सम्भावनाये भी उत्पन्न होने का नाम मात्र भी नहीं लेती थीं...
लेकिन कहते हैं न हर वक़्त हर लम्हा, हर क्षण बदल रहा है... अगर आप नहीं बदले तो वक़्त आपको स्वयं बदल देगा... यह वक़्त ही तो है जो वक़्त बे-वक़्त आता है... किसी के लिए अच्छा तो किसी के लिए बुरा... अब ऐसे वक़्त में जो वक़्त के साथ चलते हैं वक़्त भी उनके साथ चलता है, वरना जो वक़्त का साथ छोड़ते हैं, वक़्त भी उनका साथ छोड़ने में देर नहीं लगाता... इसी वक़्त के लिए एक महापुरुष ने अपने लेख में लिखा है... “यह वक़्त है साहब, फिर चाहे अच्छा हो या बुरा... आज नहीं तो कल गुज़र जायेगा...”
बस कुछ ऐसी ही कहावत पर आधारित है हमारी आज की प्रस्तुति...
“भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी तिलका मांझी की कहानी”…
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