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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
यह पुस्तक लेबनानी अमेरिकी दार्शनिक , चित्रकार ,कवि और लेखक खलील जिब्रान की उत्कृष्ट रचना “द प्रोफेट ” नामक पुस्तक का हिंदी अनुवाद है। यह हिंदी अनुवाद सन 1923 में छपे इस पुस्
यह पुस्तक लेबनानी अमेरिकी दार्शनिक , चित्रकार ,कवि और लेखक खलील जिब्रान की उत्कृष्ट रचना “द प्रोफेट ” नामक पुस्तक का हिंदी अनुवाद है। यह हिंदी अनुवाद सन 1923 में छपे इस पुस्तक के प्रथम संस्करण के 100 वर्ष पूरे होने पर अनुवादकों द्वारा लेखक को श्रद्धांजलि के रूप में प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में लेखक की मूल भावना को यथावत प्रस्तुत करने का पूरा प्रयत्न किया गया है। यह पुस्तक हमें जीवन जीने का एक सकारात्मक ढंग दिखाती है।
The book is a genesis of Human and machine talk: The long-time pending philosophical questions in author’s mind meeting the AI language model ( Chat GPT). The author has asked 100 philosophical questions to chatGPT. The questions , some of them are very fundamental questions of our daily existence while the others which would impel the curious minds to ponder further. Those 100 questions & answers bundled in conceptual map has mor
The book is a genesis of Human and machine talk: The long-time pending philosophical questions in author’s mind meeting the AI language model ( Chat GPT). The author has asked 100 philosophical questions to chatGPT. The questions , some of them are very fundamental questions of our daily existence while the others which would impel the curious minds to ponder further. Those 100 questions & answers bundled in conceptual map has morphed into a book.
ख़लील जिब्रान विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, कवि, लेखक और पेंटर रहे हैं । 1923 में पहली बार प्रकाशित हुई खलील जिब्रान की यह रचना 26 काव्य निबंधों का संकलन है, जिन्हें लेखक ने दुविधामयी &n
ख़लील जिब्रान विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, कवि, लेखक और पेंटर रहे हैं । 1923 में पहली बार प्रकाशित हुई खलील जिब्रान की यह रचना 26 काव्य निबंधों का संकलन है, जिन्हें लेखक ने दुविधामयी सवालों और पथ प्रदर्शित करने वाले स्पष्ट जवाबों के रूप में बड़ी संजीदगी से पिरोया है।
इसमें हमारी जिंदगी से जुड़े तमाम सवालों पर आध्यात्मिक दृष्टि से प्रकाश डाला गया है। इस किताब में उन सवालों का जवाब ढूँढने की कोशिश है जो सार्वभौमिक है। शायद हम सब जानना चाहते हैं कि आखिर प्रेम क्याहै? विवाह बन्धन के सही मायने क्या हैं? सुख-दुख क्या है? कानून कैसा होना चाहिए? शिक्षा का सही अर्थ क्या है? मित्रता, धर्म, न्याय, सुंदरता और मृत्यु का गहरा अर्थ क्या है?
दुनियां में बहुत से लोगों का कहना है कि इस किताब ने हमारी ज़िंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है और जीने का नया नज़रिया दिया है। उन लोगों में हम दोनों (अनुवादक) भी शामिल हैं। दो दशकों से "TheProhet" हमारी ज़िंदगी का हिस्सा है।ना जाने कितनी बार इसको पढ़ा है, हर बार इसके विचार सोच में डाल देते हैं कि आखिर कोई अपने दिल और आत्मा की इतनी गहराइयों में कैसे उतर सकता है? हो सकता है आप के पास इन सवालों में से कुछ के जवाब हों परन्तु इस किताब का मकसद इन सवालों के जवाबों को अलग आयाम में खोजने के लिए प्रेरित करना है I इस किताब के विचार समझने के कम और महसूस करने के ज्यादा हैं।
एक दिन अचानक ख्याल आया कि क्यों न इसे हिंदी पाठकों तक पहुंचाया जाए ताकि कुछ और लोग अपनी आत्मा की गहराइयों में झांक सकें। कोशिश की गई है, लेखक की मूल भावना को यथावत प्रस्तुत करने की।
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