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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal
7 साल पहले अर्णव को अपने स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की से प्यार हो गया था लेकिन अर्णव उससे अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाया... 7 साल बीत गए लेकिन वह अब भी उसे नहीं भूल पाया... क्या अर्णव
7 साल पहले अर्णव को अपने स्कूल में पढ़ने वाली एक लड़की से प्यार हो गया था लेकिन अर्णव उससे अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाया... 7 साल बीत गए लेकिन वह अब भी उसे नहीं भूल पाया... क्या अर्णव फिर से कभी परी से मिल पाएगा ? और अपने दिल की बात बता पाएगा ? और क्या कारण था उससे इजहार न करने का ? जानने के लिए पढ़िए जरूर ..यह प्यारी सी स्कूल लव स्टोरी जो आपको आपके स्कूल के दिनों की याद दिला देगी....
"तुझे फिर वही सपना आया ना ?" श्वेता आंखे चमका कर खुशी से बोली ।
"कौन सा सपना...? कोई सपना नही आया...! " कहकर खुशी उससे आंखे चुराती हुई आगे चली गई ।
"अरे , वही जिसमे तेरा राजकुमार आता है जो त
"तुझे फिर वही सपना आया ना ?" श्वेता आंखे चमका कर खुशी से बोली ।
"कौन सा सपना...? कोई सपना नही आया...! " कहकर खुशी उससे आंखे चुराती हुई आगे चली गई ।
"अरे , वही जिसमे तेरा राजकुमार आता है जो तुझे बारिश मे ले जाता है और तु फाइनली बारिश की बुंदो को छु पाती है...." कहकर श्वेता फिर शरारत से मुस्कुरा दी ।
खुशी , दिखने मे साधारण सी लड़की है , पर असाधारण है , कुछ तो अजीब था उसके साथ , की जब भी वो बारीश की बूंदो को छुने की कोशिश करती बारीश ही थम जाया करती , बरखा से इश्क करने वाली खुशी को कभी उसमे भीगने का ही मौका नही मिला और इसी के चलते कई बार लोग उसे बदनसीब कह देते , और जो पढ़े लिखे समझदार है वो बारीश को ना छु पाने का कारण बस एक संयोग बताते , अब क्या सच था कोई नहीं जानता था , और ना ही खुद खुशी कुछ जानना चाहती थी बस आपनी किस्मत से हर बार यही सवाल करती "आखिर क्यों हुं मै ऐसी , और कोन है वो जो अक्सर मेरे सपने मे आकर मुझे इतनी खुशिया दे जाता है..? "
'बुंदो की छुअन' इस कहानी मे लेखिका (धड़क) ने बारीश को एक नए नजरिए से देखा है , इस कहानी मे पाठक को प्रेम(love) , रहस्य (thrillar) , कल्पना और का अद्भुत मेल पढ़ने को मिलेगा ।
"पिहु बेटा ! जानते है तु कुछ करना चाहती है , पढ़ना चाहती है , हम सब भी चाहते है तु पढे आगे बड़े , पर ऐसे कैसे कही भी तुझे अके Read More...
"पिहु बेटा ! जानते तु कुछ करना चाहती है , पढ़ना चाहती है , हम सब भी चाहते है तु पढे आगे बड़े , पर ऐसे कैसे कही भी तुझे अकेले Read More...
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